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डायबिटीज के खतरे से खुद को बचाना है तो डेली लाइफस्टाइल की ये गलतियां न करें

पिछले चार सालों में देश के अंदर डायबिटीज पेशेंट्स की संख्या 44 प्रतिशत बढ़ी है.

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इस वक़्त देश में डायबिटीज और प्री-डायबिटीज के मरीज़ 23 करोड़ से ज़्यादा हैं.

आपको पता है, भारत  को 'डायबिटीज कैपिटल ऑफ़ द वर्ल्ड' कहा जाता है. यानी दुनिया में डायबिटीज के सबसे ज़्यादा मरीज़ हिंदुस्तान में हैं. ICMR की स्टडी के मुताबिक, पिछले चार सालों में देश के अंदर डायबिटीज पेशेंट्स की संख्या 44 प्रतिशत बढ़ी है. यही नहीं, डायबिटीज और प्री-डायबिटीज यानी डायबिटीज से पहले वाली स्टेज, इनके मरीज़ इस वक़्त देश में 23 करोड़ से ज़्यादा हैं. अब ख़ुद सोच लीजिए डायबिटीज किस रेट से देश में बढ़ रहा है. आज हम बात करेंगे कुछ ऐसी गलतियों की, जिनकी वजह से डायबिटीज का ख़तरा बढ़ता है. साथ ही जानेंगे इससे बचने के तरीके.

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लाइफस्टाइल की किन गलतियों से डायबिटीज का ख़तरा बढ़ता है?

ये हमें बताया डॉक्टर संदीप खरब ने.

( डॉक्टर संदीप खरब, सीनियर कंसल्टेंट, एंडोक्राइनॉलोजी, एशियन हॉस्पिटल )

प्री-डायबिटीज़ के मरीज अगर खाने-पीने और वजन पर ध्यान दें, तो प्री-डायबिटीज को डायबिटीज में बदलने से 60 प्रतिशत तक रोक सकते हैं. कुछ बदलाव अपने खाने-पीने और दिनचर्या में जरूर लाएं ताकि डायबिटीज से बचा जा सके. डायबिटीज से बचने का सबसे आसान तरीका है कम कैलोरी खाएं. कम कैलोरी खाने से मतलब है, खाने में सारे पोषक तत्व हों लेकिन कैलोरी की मात्रा कम हो. उदाहरण के लिए जंक फूड जिसमें कैलोरी ज्यादा है, लेकिन पोषक तत्व कम हैं, जैसे कि सॉफ्ट ड्रिंक, पिज्जा, बर्गर, खासकर ऐसी चीजें जिनमें घी और तेल ज्यादा हो, इनसे बचें.

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पूरी, समोसे और पकौड़े जैसी तली हुई चीजें भी खाने से बचें. तली हुई चीजें बाहर से न ख़रीदें क्योंकि वहां बार-बार एक ही तेल का इस्तेमाल होता है. इस तरह का तेल और भी ज्यादा नुकसान देता है. साथ ही ये भी ध्यान रखें कि समय पर खाना खाएं. कई बार एक टाइम का खाना मिस कर देते हैं. लेकिन इसके बाद ज्यादा खाना खा लेते हैं. बीच के टाइम में स्नैक्स खाते हैं. आमतौर पर नमकीन-भुजिया जैसे स्नैक्स खाते हैं जो हेल्दी नहीं हैं. ये स्नैक्स भी वजन और डायबिटीज का खतरा बढ़ाते हैं

डायबिटीज के खतरे से बचने के लिए क्या करें?

खाने-पीने में ये भी जरूरी है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर से बचें. WHO का भी कहना है कि आर्टिफिशियल स्वीटनर से बचाव करें. इससे डायबिटीज, मोटापा, दिल से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ता है. इसलिए आर्टिफिशियल स्वीटनर वाली इंस्टेन्ट एनर्जी ड्रिंक्स, मिल्क शेक और आइसक्रीम खाने से बचना चाहिए. क्योंकि इन चीजों में कैलोरी ज्यादा होती है. वजन बढ़ता है और डायबिटीज का खतरा होता है. 

जो लोग देर से सोते हैं और देर से उठते हैं, उनमें भी डायबिटीज का खतरा बढ़ता है. क्योंकि रात का समय सोने के लिए बेहद जरूरी होता है. इस वक्त हमारे हॉर्मोन्स बैलेंस होते हैं. अगर लेट सोएंगे तो हॉर्मोन्स का बैलेंस बिगड़ सकता है. साथ ही देर से सोने पर रात में भूख लगती है और लोग अनहेल्दी चीजें खाते हैं. इससे भी वजन और डायबिटीज का खतरा बढ़ता है.

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कुछ लोग ऐसा मानते हैं कि कार्बोहाइड्रेट नहीं खाना चाहिए. या कार्बोहाइड्रेट खाने से डायबिटीज होता है. ये गलत है, ऐसा नहीं होता. लेकिन जरूरी ये है कि ऐसी चीजें खाएं जिनमें कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट हो. कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट से मतलब है कि अगर आप चावल खाते हैं तो वो पॉलिश्ड चावल न हो ब्राउन राइस हो. अगर आप गेहूं खाते हैं तो वो दरदरा पिसा हो ज्यादा महीन न हो. 

आप ऐसी चीजें खाएं जो ज्यादा पॉलिश न हो. सूजी और मैदा खाने से बचें. ये बातें जानना हमारे लिए जरूरी हैं. आजकल 'चीट डे' का कॉन्सेप्ट काफी प्रचलित है. जैसे 5-6 दिन आप अच्छे से परहेज करें और सातवें दिन कुछ भी खा लें. ये अच्छी आदत नहीं है, क्योंकि चीट डे पर आप कुछ भी खा लेते हैं और उसमें कैलोरी बहुत ज्यादा होती है. ये भी हमें नुकसान करता है. इस तरह की आदतों से हम बचेंगे तो हमारी सेहत अच्छी रहेगी. वजन नहीं बढ़ेगा, दिनचर्या अच्छी रहेगी. स्टडीज के मुताबिक इससे हम डायबिटीज के खतरे को 60 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं. अच्छा लाइफस्टाइल रखने से डायबिटीज से बचा जा सकता है.

(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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