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पेट पर बढ़ती चर्बी कब डायबिटीज के खतरे का संकेत होती है?

अगर पेट पर ज्यादा चर्बी है तो, इससे शरीर में इंसुलिन रेज़िस्टेंस बढ़ जाता है, इस वजह से पैंक्रियाज़ को ज्यादा इंसुलिन बनाना पड़ता है. पैंक्रियाज़ सिर्फ कुछ सालों के लिए ही ज्यादा इंसुलिन बना सकता है. उसके बाद इंसुलिन की मात्रा कम हो जाएगी, जिस वजह से मरीज़ को डायबिटीज़ हो सकती है.

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पेट की चर्बी घटाने के लिए लाइफस्टाइल को सुधारना जरूरी है (सांकेतिक फोटो)

पेट की चर्बी बढ़ते ही आपकी सबसे बड़ी दिक्कत होती है कपड़े फ़िट न आना. पर आपको कपड़ों की फिटिंग को लेकर नहीं, डायबिटीज़ को लेकर चिंतित होना चाहिए. पेट की चर्बी डायबिटीज का बड़ा इशारा है. इसलिए ज़रूरी है कि आपको अपनी कमर की नाप मालूम हो. जिन पुरुषों के पेट की नाप 40 इंच से ज्यादा है, उन्हें सतर्क होने की ज़रुरत है, क्योंकि आप डायबिटीज के बड़े रिस्क पर हैं. ऐसा क्यों है चलिए डॉक्टर से जानते हैं.

क्या पेट की चर्बी से डायबिटीज़ का रिस्क बढ़ता है?

ये हमें बताया डॉ आशुतोष गोयल ने.

(डॉ. आशुतोष गोयल, सीनियर कंसल्टेंट, एंडोक्राइनोलॉजी, पारस हेल्थ, गुरुग्राम)

बेली फैट का मतलब है पेट पर जमा चर्बी. ये चर्बी दो जगह जमा होती है:

- सबक्यूटेनियस टिश्यू यानी स्किन के नीचे

- और विसेरल फैट यानी आंतों, किडनी और लिवर के आसपास जमा होने वाली चर्बी.

पेट की चर्बी और डायबिटीज़ के रिस्क को लेकर अमेरिका और WHO ने कई स्टडी की हैं. इनके मुताबिक अगर पेट पर ज्यादा चर्बी है, जिसे एब्डोमिनल ओबेसिटी या सेंट्रल ओबेसिटी भी कहा जाता है. तो इससे शरीर में इंसुलिन रेज़िस्टेंस बढ़ जाता है, इस वजह से पैंक्रियाज़ को ज्यादा इंसुलिन बनाना पड़ता है. पैंक्रियाज़ सिर्फ कुछ सालों के लिए ही ज्यादा इंसुलिन बना सकता है. उसके बाद इंसुलिन की मात्रा कम हो जाएगी, जिस वजह से मरीज़ को डायबिटीज़ हो सकती है.

डायबिटीज़ और पेट की चर्बी का क्या कनेक्शन है?

फैट टिश्यू से कुछ केमिकल निकलते हैं, जिससे शरीर में सूजन आ जाती है. इस वजह से डायबिटीज़ के खतरे के साथ-साथ दिल से जुड़ी बीमारियां और कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ता है. फैट जब पिघल कर खून में आता है, तो इसे फैटी एसिड कहा जाता है. खून के साथ ये फैटी एसिड शरीर में सब जगह पहुंच जाता है. इस वजह से लिवर को नुकसान होता है, जिससे फैटी लिवर की समस्या हो सकती है. 

इसके अलावा ये फैटी एसिड धमनियों को ब्लॉक कर देता है, इसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहा जाता है. धमनियों के पतली होने की वजह से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. अगर पेट पर जमा चर्बी की वजह से पुरुषों का पेट 40 इंच से ज्यादा चौड़ा हो गया है, तो ऐसे पुरुषों में डायबिटीज और दिल की बीमारियों का खतरा 5 से 10 गुना बढ़ जाता है. वहीं महिलाओं का पेट अगर 36 इंच से ज्यादा चौड़ा है, तो उनमें डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है.

अगर आप खाने-पीने का ध्यान नहीं रखते, बाहर का खाना ज्यादा खाते हैं, काफी फैट वाला और प्रोसेस्ड चीजें खाते हैं, ज़्यादा कैलोरीज़ और हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाला खाना खाते हैं या फलों का जूस बहुत पीते हैं तो आपके पेट के आसपास चर्बी ज्यादा जमा होती है.

बचाव

सादा और सभी पोषक तत्वों वाला खाना खाएं. ज़्यादा कार्बोहाइड्रेट और हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीजों से बचें. ट्रांसफैट और सैचुरेटेड फैटी एसिड वाली चीजें न खाएं. बाहर का खाना कम से कम खाएं. कोल्ड ड्रिंक, सोडा और फलों का जूस कम से कम पिएं क्योंकि ये सभी वजन बढ़ाते हैं. एक्सरसाइज़ जरूर करें. अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के मुताबिक हफ्ते में 150 मिनट मॉडरेट एक्सरसाइज जरूर करें. जैसे कि तेज-तेज चलें, साइकिल चलाएं, स्विमिंग, बैडमिंटन या फुटबॉल खेलें.

हफ्ते में 75 मिनट हाई इंटेंसिटी या कार्डियो एक्सरसाइज़ करें, जैसे कि दौड़ना, तेज साइकिल चलाना. कार्डियो एक्सरसाइज़ के अलावा कुछ स्ट्रेचिंग और ताकत बढ़ाने वाली एक्सरसाइज़ भी करें, जैसे कि हफ्ते में दो बार 15 मिनट के लिए ताकत बढ़ाने वाली एक्सरसाइज़ करें. स्ट्रेचिंग के लिए योग कर सकते हैं. ये सभी चर्बी घटाने में मदद करती हैं और शरीर को बीमारियों से बचाती हैं.

इसके अलावा तनाव की वजह से शरीर में कोर्टिसोल जैसे हॉर्मोन्स बढ़ने लगते हैं. इस वजह से भी वजन बढ़ सकता है. तनाव कम करने के लिए अच्छी नींद लें, काम को समय पर खत्म करें. धूम्रपान न करें. इन सबको फॉलो करने से पेट की चर्बी कम होती है और बीमारियों से बचे रह सकते हैं.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)