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धारा 288 क्या है, जिसके चलते किसान और पुलिस दोनों एक दूसरे के इलाके में नहीं जा पाएंगे

पहली बार इसका ऐलान महेंद्र सिंह टिकैत ने 1988 की बोट क्लब रैली में किया था

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कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा किसान आंदोलन दिन-प्रतिदिन बड़ा होता जा रहा है. जहां सरकार इस आंदोलन को ख़त्म कराने के तरीके ढूंढने में जुटी है, वहीं किसान राशन-पानी लेकर सड़कों पर डटे हुए हैं. कह रहे हैं कि जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक नहीं उठेंगे. इस बीच, सोमवार को यूपी-दिल्ली के गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों ने तंबू गाड़ दिया. देखिए वीडियो.

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