ट्विटर के संस्थापक और पूर्व मालिक जैक डॉर्सी ने कहा है, कि किसान आंदोलन के दौरान नरेंद्र मोदी सरकार ने ट्विटर पर दबाव डाला था. कई बार ट्विटर से "अनुरोध" किया गया कि उन ट्विटर अकाउंट्स को बंद किया जाए, जो आंदोलन को कवर कर रहे हैं और इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना कर रहे हैं. सरकार ने धमकी भी दी थी कि ऐसा न करने पर वो भारत में ट्विटर बंद कर देगी और कर्मचारियों के घरों पर छापा मारेगी -- जो उन्होंने किया भी. सरकार का कहना है, सब झूठ है. विपक्ष का कहना है, ये लोकतंत्र की सुनियोजित हत्या है. सच क्या है? तथ्य क्या है? आज यही जानेंगे.
दी लल्लनटॉप शो: PM मोदी के अमेरिका दौरे से पहले Twitter के पूर्व CEO जैक डॉर्सी के आरोप नुकसान पहुंचाएंगे?
क्या हमारी बोलने-कहने-लिखने की आज़ादी पर सरकार की पहरेदारी है? अगर है, तो कितनी है? क्यों है?
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