सुप्रीम कोर्ट ने सांसदों और विधायकों को मिलने वाले संसदीय विशेषाधिकार से जुड़े एक मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है. अब सांसदों और विधायकों को सदन में भाषण देने या वोट डालने के बदले रिश्वत लेने पर किसी तरह का कानूनी संरक्षण नहीं मिलेगा. यानी उनके खिलाफ ऐसे मामलों में मुकदमा चलाया जा सकेगा. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने साल 1998 के उस फैसले को भी पलट दिया, जिसमें कहा गया था कि ऐसे केस में सांसदों और विधायकों के खिलाफ मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है. देखें वीडियो.
MP-MLAs की रिश्वतखोरी पर सुप्रीम कोर्ट की वो बातें जो सभी को जानना चाहिए
सांसदों और विधायकों को सदन में भाषण देने या वोट डालने के बदले रिश्वत लेने पर किसी तरह का कानूनी संरक्षण नहीं मिलेगा. अब ऐसे मामलों में भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत सांसदों और विधायकों के खिलाफ कार्रवाई हो सकेगी
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