भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु के साथी क्रांतिकारियों ने उनके बारे में एक किताब लिखी थी, जिसका नाम है- यश की धरोहर, नेतानगरी के फुर्सत की सलाह सेग्मेंट में सौरभ द्विवेदी ने इस किताब को ये कहते हुए रेकमेंड किया कि अगर आपको महीनों में एक ही किताब पढ़नी हैं तो भी इसी किताब को पढ़ें.