जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए तैयार कोर्स के कंटेंट को लेकर विवाद हो गया है. इसमें कहा गया है कि “कट्टरपंथी धार्मिक आतंकवाद” का एकमात्र रूप “इस्लामी जिहादी आतंकवाद” है. ये भी कि तत्कालीन सोवियत संघ और चीन के कम्युनिस्ट शासकों ने “सरकार प्रायोजित आतंकवाद” को बढ़ावा दिया, जिससे “कट्टरपंथी इस्लामी राज्य” प्रभावित हुए. देखें वीडियो.
एंटी टेररिजम को लेकर JNU के कोर्स में किस बात पर बवाल मचा है?
जेएनयू शिक्षक संघ ने इसका विरोध किया है
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