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एक कविता रोज़: सुनिए विष्णु खरे की क्रिकेट पर कविता 'कवर ड्राइव' उन्हीं की आवाज़ में

'मैं अब भी क्रिज पर खड़ा होकर अपनी कवर ड्राइव आजमाना चाहता हूं'

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एक कविता रोज़ दी लल्लनटॉप की सीरीज है जो आपको बेहतरीन कविताओं से रूबरू कराती है. इस कड़ी में सुनिए विष्णु खरे की कविता 'कवर ड्राइव'.
 

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