योग गुरु रामदेव ने जंतर मंतर पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को अपना समर्थन दिया है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रामदेव ने पहलवानों के पक्ष में बोलते हुए कहा कि कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर दुराचार करने के आरोप लगना शर्मनाक है. रामदेव ने कहा कि बृजभूषण शरण सिंह की तुरंत गिरफ्तारी होनी चाहिए, वह रोज बहन-बेटियों के खिलाफ गलतबयानी करते हैं.
रामदेव पहलवानों के समर्थन में उतरे, बृजभूषण पर बोले- "तुरंत गिरफ्तार कर जेल भेजो"
रामदेव बोले- 'वह रोज मुंह उठाकर मां, बहन, बेटियों के बारे में बकवास कर रहा है.'

आजतक के प्रमोद तिवारी की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान के भीलवाड़ा में 26 मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान रामदेव ने कहा,
“देश के पहलवानों का जंतर मंतर पर बैठना और वह भी कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर दुराचार, व्यभिचार करने के आरोपों के साथ, यह बहुत ही शर्मनाक बात है. ऐसे व्यक्तियों को तुरंत गिरफ्तार करके जेल की सलाखों के पीछे भेजना चाहिए और वह रोज मुंह उठा-उठाकर मां, बहन, बेटियों के बारे में बकवास कर रहा है. यह बहुत ही निंदनीय है. एक कुकृत्य है. पाप है.”
बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पहलवान पिछले एक महीने से जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं. पहलवानों के समर्थन में कई राजनीतिक दल, संगठन और खिलाड़ी लगातार आगे आ रहे हैं.
नए संसद भवन के उद्घाटन वाले दिन महिला महापंचायतवहीं पहलवान अब अपने आंदोलन को धार देने में लग गए हैं. 23 मई को दिल्ली में इंडिया गेट पर कैंडल मार्च निकालने के बाद अब महिला पंचायत की तैयारियां तेज कर दी गई हैं. जिस दिन नए संसद भवन का उद्घाटन होगा, पहलवान उसी दिन संसद के बाहर महिला महापंचायत करेंगे.
इससे पहले, दिल्ली के जंतर-मंतर पर 7 मई को भी खाप पंचायत हुई थी. इसमें सरकार को बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया था. खाप पंचायत में सरकार को 21 मई तक पहलवानों के मुद्दे पर एक्शन लेने का अल्टीमेटम दिया गया था. कहा गया था अगर कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो इसके बाद बड़ा आंदोलन होगा.
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों ने इस साल जनवरी में यौन शोषण, मनमानी, अपशब्दों का इस्तेमाल, मानसिक प्रताड़ना और धमकी देने के आरोप लगाए थे. वहीं पहलवानों के आरोपों को बृजभूषण सिंह नकारते रहे हैं. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने जनवरी 2023 में कहा था कि उनके खिलाफ प्लानिंग करके आरोप लगाए गए हैं.
जनवरी में जब पहलवान धरने पर बैठे थे, तब खेल मंत्रालय ने पहलवानों से बात कर जांच कमिटी बनाई थी. इसके बाद पहलवानों ने धरना खत्म कर दिया था. इसके बाद 23 अप्रैल से पहलवान ये कहते हुए दोबारा धरने पर बैठे कि सरकार की ओर से दिया गया आश्वासन झूठा निकला.
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