घर के बिस्तर से लेकर ऑफिस की कुर्सी तक, यूट्यूब से लेकर इंस्टाग्राम तक बस एक ही बात हो रही है. कितनी सर्दी है. इतनी सर्दी क्यों है. आज नहाया जाए या सिर्फ मुंह धोकर काम चलाया जाए. ऐसे में एक कवि ने 'ये ठंड है प्रचंड' नाम की कविता बनाई है. ये कविता चर्चित अभिनेता और थियेटर कलाकार पीयूष मिश्रा के गाने 'आरंभ है प्रचंड' की पैरोडी है. इस कविता ने सर्दियों के माहौल से मेल खा लिया है (Ye Hai Thand ka Prachand Song) जिसकी काफी चर्चा है.
'आरंभ है प्रचंड' की धुन पर लिखी 'ये ठंड है प्रचंड', पीयूष मिश्रा सुन लें तो खुद सलामी देने आएंगे
'Ye Hai Thand ka Prachand' कविता के वायरल वीडियो को अब तक 90 लाख़ से ज्य़ादा लोग देख चुके हैं.

पहले आप ये वायरल कविता पढ़िए-
"ठंड का प्रकोप और धूप का है लोप
आप बिस्तरों पर चाय की गुहार दो
ना नहाना सको अगर तो खोपड़ी भिगोलो आप और इस तरह से गेप मार दो
जो नहा चुका है मित्र सिर्फ वो ही है पवित्र ये वहम ज़ेहन से तुम उतार दो
कबंलो को छोड़ के जगत के हर प्रलोभनो पे बिन कहे सुने ही लात मार दो
ये ठंड है प्रचंड"
इस कविता को शेखर त्रिपाठी नाम के कवि ने लिखा है. उन्होंने इंस्टाग्राम पर इस कविता को 12 दिसंबर को शेयर किया था. लेकिन मोहम्मद सैफ़ खान नाम के इंस्टाग्राम यूजर ने अपनी बाइक राइड के साथ इस वीडियो को शेयर किया, 26 दिसंबर को. इसके बाद से इस कविता ने सोशल मीडिया पर बवाल काटा हुआ है. इसे अब तक 90 लाख़ से भी ज़्यादा लोग देख-सुन चुके हैं. कई शेयर कर चुके हैं. और कॉमेंट्स में सर्दी के प्रकोप की बातें लिख रहे हैं.
राम नाम के यूजर ने नहाने के बारे में लिखा,
“नहाना जरूरी नहीं है भाई. बस मन साफ होना चाहिए.”

प्रशांत कश्यप नाम के यूजर ने कविता के बारे में लिखा,
“ठंड चालीसा.”

अजय कश्यप,
“पीयूष मिश्रा 2.0 है.”

अभिषेक मिश्रा,
“ये गाना सुनने के बाद पीयूष मिश्रा के सामने आपको 21 तोपों की सलामी दी जाएगी.”

रोहित नाम के यूजर ने कवि से सवाल पूछते हुए लिखा,
“चाय देने वाली को भी सर्दी लगती है. यदि चाय देने वाली या वाला भी रजाई से चाय की गुहार करेगी तो क्या होगा?”

कई लोगों ने कॉमेंट्स में लिखा कि कवि ने ये कविता गाकर धर्म का मज़ाक बनाया है.

इस पर कवि ने जवाब दिया,
“सुनो विरोध करने वाले बालकों.. पीयूष मिश्रा जी के गाने की धुन पर यह एक पैरोडी गीत है.. इसमें किसी भी ऐसे विषय को नहीं लिया है जिसका तुम विरोध कर सको.. हां वह बात अलग है कि तुम्हें अगर कोई और मसाला ना मिल रहा हो तो आ जाओ इस पोस्ट पर.. स्वागत है तुम्हारा.. धार्मिक रूप से कोई नुकसान पहुंचाने वाला यह गीत नहीं है.. धर्म के बारे में मुझे तुम से जानना पड़े ऐसा समय नहीं आया है.. या सिर्फ हास्य विनोद को ध्यान में रखते हुए गाया गया एक पैरोडी गीत है बस.”

नोट:
पीयूष मिश्रा का फेमस गाना, 'आरंभ है प्रचंड' 2009 में रिलीज़ हुआ था. ये 'गुलाल' फ़िल्म के साउंडट्रैक का हिस्सा था. इसे खुद पीयूष ने लिखा, गाया और कंपोज़ किया है.
ये भी पढ़ें: 10वीं के छात्र के साथ फ़ोटोशूट कराने वाली टीचर सस्पेंड, वायरल तस्वीरों पर चार लोग क्या बोले?
वीडियो: सोशल लिस्ट: राम मंदिर पर पाकिस्तानी रिएक्शन वीडियोज़ वायरल, अयोध्या पर क्या कह रहे पाकिस्तान वाले?