गुजरात के द्वारका कोस्ट पर हेरोइन और हथियारों का एक जत्था पकड़ा गया था. 27 दिसंबर को. भारतीय कोस्ट गार्ड और गुजरात ऐंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड ने 10 पाकिस्तानियों को अरब सागर की अंतरराष्ट्रीय मैरिटाइम सीमा से गिरफ़्तार किया था. उनके पास से 40 किलो हेरोइन, 12 मैगज़ीन्स, 6 बेरेटा पिस्तौलें और 120 कारतूस ज़ब्त किये थे.
पैकेट पर कोड लिखता है "999"... कौन है मुंद्रा पोर्ट पर ड्रग्स भेजने वाला हाजी सलीम बलोच?
वो ड्रग्स की सप्लाई के लिए एडवांस पैसे नहीं लेता, सैटेलाइट फोन यूज करता है, ड्रग्स के बोरों पर लिखता है अपना कोड!

इस पुलिस महानिदेशक (DGP) आशीष भाटिया ने बताया था कि इस तरह की आख़िरी ज़ब्ती 1992 में हुई थी. भाटिया ने मीडिया को ये भी बताया कि ये तस्करी बलूचिस्तान के हाजी सलीम बलोच का मास्टर प्लान है. तो कौन है हाजी सलीम बलोच?
कौन है हाजी सलीम बलोच?एक ड्रग माफ़िया है हाजी सलीम. ईरान, अफ़ग़ानिस्तान और बलूचिस्तान (पाकिस्तान) से ऑपरेट करता है. जांच अधिकारी कहते हैं कि बहुत शातिर है. समय समय पर अपने ठिकाने बदलता रहता है, तो पुलिस की गिरफ़्त में नहीं आता.
तफ़्तीश में ये भी मालूम हुआ है कि सलीम के अंगरक्षक एके-47 और अन्य घातक और लेटेस्ट हथियार रखते हैं. उसके पास एक सैटेलाइट फ़ोन है, जिसके जरिए वो पाकिस्तान से लेकर मालदीव के समुद्री द्वीपों तक ऑपरेट करता है.
खबरों के मुताबिक, सलीम बलोच का काम करने का तरीका भी अलग किस्म का है. वो हेरोइन की सप्लाई के लिए अडवांस पैसे नहीं लेता. उधारी पर ड्रग्स का बिज़नेस करता है. सप्लायर्स से कहता है कि वे पहले ड्रग्स बेचें, फिर हवाला के ज़रिए उसे पैसे भेजें. राष्ट्रीय जांच एजेंसी के मुताबिक़, सितंबर, 2022 में गुजरात के मुद्रा बंदरगाह से जो 3,000 किलो हेरोइन पकड़ी गई थी, उस मामले में गिरफ़्तार कुछ लोगों ने सलीम को पैसे भेजे थे.
सलीम बलोच ख़ास क़िस्म के चिह्नों का इस्तेमाल करता है ताकि उसका नाम न आए. ड्रग्स के हर पैकेट पर एक कोड लिखा होता है, जिससे उसके गिरोह को पता चल सके कि ये उसी का माल है. मसलन, हाल की ज़ब्तियों में जो पैकेट मिले, उन पर '777', '999', ‘उड़ते घोड़े’ का सिम्बल', ‘21 राजाओं’ का सिंबल गुदा हुआ है. ये सिंबल सलीम बलोच के गिरोह का ही है.
श्रीलंका से ख़ाली नाव लेता है. एक बार में 350 किलो हेरोइन भेजता है, जिसकी क़ीमत है 5 हजार करोड़ रुपये. ईरान या अफ़ग़ानिस्तान के रास्ते पानियों में नाव उतरती है. हिंद महासागर में घुसने के बाद सप्लायर्स बाक़ी नावों को आगाह करते हैं. और खेप को 20-20 या 50-50 किलो के छोटे खेपों में बांटा जाता है. इसके बाद और नावों पर लादकर देश के अलग-अलग इलाक़ों में भेज देते हैं.

इस साल में ड्रग्स की ज़ब्ती के 10-12 बड़े मामले आए और क़रीब एक हजार करोड़ की ज़ब्त हेरोइन का सीधा या टेढ़ा कनेक्शन हाजी सलीम से है. मिडडे में छपी रिपोर्ट के मुताबिक़, मुंबई के अलग-अलग बंदरगाहों पर आने वाली हेरोइन की सारी खेप हाजी सलीम भेजता है. हाल ही में NCB और भारतीय नौसेना ने कोच्चि के पास हिंद महासागर से 200 किलो हेरोइन बरामद की थी, जिसकी क़ीमत लगभग 12 सौ करोड़ रुपये है. इस मामले में चार ईरानी नागरिकों समेत कुल 6 लोगों को अरेस्ट किया गया था, लेकिन जांच एजेंसियों को संदेह है कि इस सप्लाई से भी सलीम का ताल्लुक़ है.
भारत क्या कर रहा है?ड्रग्स की ज़्यादातर तस्करी ईरान और अफ़ग़ानिस्तान के रास्ते भारत में की जाती है. सूत्रों के हवाले से मिड-डे में छपा है कि भारतीय एजेंसियों ने कई हाई-लेवल बैठकें कीं. ईरान, पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान को सलीम से संबंधित इन केसों के बारे में बताया. लेकिन, उसके ख़िलाफ़ आज तक कोई कार्रवाई शुरू तक नहीं की गई है. हालांकि, भारत सरकार इन तीन देशों को सलीम के ख़िलाफ़ नए डोज़ियर भेजने जा रही है.
6 दिसंबर को राजस्व ख़ुफ़िया निदेशालय (DRI) के 65वें स्थापना दिवस पर भाषण देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जांच एजेंसियों से कहा था कि वो 'बड़ी मछली' को पकड़ें. उन ग्लोबल माफ़ियाओं को पकड़ें, जो भारत में क्विंटलों में ड्रग्स सप्लाई कर रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की मदद लें, लेकिन इस ड्रग्स की चेन को तोड़ना ही होगा. वित्त मंत्री ने किसी का नाम नहीं लिया था, लेकिन मुमकिन है कि उनका इशारा इसी तरफ़ हो.
वीडियो: 3000 किलो हेरोइन बेच पाकिस्तानी आतंकी संगठन भारत के ख़िलाफ़ क्या योजना बना रहा था?