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क्या है अर्पिता मुखर्जी का असली सच? जिनके घर से इतने करोड़ मिले कि ED हैरान हो गई!

अर्पिता मुखर्जी एक समय नेल सैलून चलाती थीं.

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पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्था चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी. (फोटो: इंस्टाग्राम)

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी की सरकार इस समय प्रवर्तन निदेशालय यानी कि ED के निशाने पर है. केंद्र की एजेंसी राज्य के शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही है और इसी सिलसिले में इसने कई जगहों पर छापेमारी की.

इस दौरान राज्य के वरिष्ठ मंत्री और टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर से करीब 20 करोड़ रुपये बरामद हुए हैं. इसके साथ ही विदेशी मुद्रा में 50 लाख से अधिक रुपये, 20 मोबाइल फोन और कथित आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं. ED ने मुखर्जी को गिरफ्तार कर लिया है.

आइए जानते हैं कि आखिर कौन हैं अर्पिता मुखर्जी और ये मामला क्या है?

छोटे घर से आलीशान फ्लैट तक

अर्पिता मुखर्जी एक एक्ट्रेस और मॉडल हैं. उन्होंने बांग्ला, उड़िया और तमिल फिल्मों में काम किया है. हालांकि अपने फिल्मी करिअर में उन्होंने ज्यादातर साइड रोल ही किए हैं. इससे पहले वह मॉडल थीं.

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, मुखर्जी ने साल 2004 में मॉडलिंग से अपने करिअर की शुरुआत की थी. इसके कुछ साल बाद उन्होंने पाटुली और बारानगर में तीन नेल सैलून खोले थे. मॉडलिंग के दौरान ही उन्हें बंगाली फिल्मों में छोटे-मोटे रोल मिलने शुरु हो गए थे.

अर्पिता मुखर्जी को लेकर यह भी दावा किया जा रहा है कि वे ममता सरकार में मंत्री पार्थ चटर्जी की करीबी हैं. दरअसल पार्थ चटर्जी दक्षिण कोलकाता में लोकप्रिय दुर्गा पूजा समिति नकटला उदयन का संचालन करते हैं. यह कोलकाता की सबसे बड़ी दुर्गा समितियों में से एक है. अर्पिता मुखर्जी साल 2019 और 2020 में इसी दुर्गा पूजा समारोह का चेहरा रह चुकी हैं.

पार्थ चटर्जी के साथ अर्पिता मुखर्जी.

इन सब के बीच अर्पिता मुखर्जी के करिअर का ग्राफ बहुत तेजी से बढ़ा. पहले वह बेलघारिया के दीवानपारा में छोटे से घर में रहती थी, इस समय दक्षिण कोलकाता में उनका आलीशान फ्लैट है, जहां से ED ने करोड़ों रुपये जब्त किए हैं.

मुखर्जी की तीन फिल्मों के निर्देशक रहे अनूप सेनगुप्ता ने कहा, 

'मैं 'मामा भागने' (2010) फिल्म में हिरोइन की दोस्त के लिए एक लड़की तलाश रहा था, तभी किसी ने अर्पिता से मेरा परिचय कराया. साल 2011 में उन्होंने मेरी 'बांग्ला बचाओ' फिल्म में काम किया था. मैं यह देखकर दंग हूं कि उनके पास इतनी दौलत कहां से आ गई. उस समय उनके पास सिर्फ एक सेकंड हैंड कार थी, उसी से वे काम पर आती थीं.'

मुखर्जी की एक बहन है, जो कि शादीशुदा हैं और उनकी मां बेलघारिया के पुराने घर में रहती हैं. उनकी मां मिनाती मुखर्जी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, 

'अर्पिता हफ्ते में दो बार मुझसे मिलने आती थी. मेरी पति की केंद्र सरकार में नौकरी थी. उनके निधन के बाद अर्पिता को वो नौकरी ऑफर की गई थी. लेकिन उन्होंने मना कर दिया. वह मॉडलिंग और एक्टिंग कर रही थीं. उन्होंने उड़िया फिल्मों में काम किया. उनका अपना एक प्रोडक्शन हाउस भी था.'

अर्पिता मुखर्जी ने अपने फेसबुक बायो में लिखा है कि वह 'एक मल्टी-टैलेंटेड वर्सेटाइल एक्ट्रेस हैं, जिन्होंने टॉलीवुड की कई फिल्मों में काम किया है.' मुखर्जी अपने सोशल मीडिया पर फिलोसॉफिकल एडवाइस भी शेयर किया करती थीं.

कौन हैं पार्थ चटर्जी

पार्थ चटर्जी ममता सरकार में एक कद्दावर नेता है और पार्टी के महासचिव भी हैं. इस समय वे वाणिज्य और उद्योग विभाग के मंत्री हैं. इससे पहले वे पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री थे. ED जिस शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही है, ये उन्हीं के कार्यकाल में हुआ था. 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ पार्था चटर्जी.

नियम के मुताबिक, जब किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाता है, तो उसे किसी एक व्यक्ति, चाहे परिवार या कोई भी करीबी हो, को इसकी सूचना देने का मौका दिया जाता है. इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, पार्थ चटर्जी ने ईडी अधिकारियों से कहा था कि वे ममता बनर्जी को इसकी जानकारी देना चाहते हैं. इसी सिलसिले में उन्होंने चार बार कॉल किया, लेकिन सीएम ने कॉल नहीं उठाया. और उधर से जवाब आया 'कृपया थोड़ी देर बाद प्रयास करें'.

ममता सरकार ने क्या बोला?

इस मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने कहा है कि वे पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं और कोर्ट का फैसला आने के बाद पार्थ चटर्जी को लेकर फैसला लेंगे. टीएमसी नेता और कोलकाता के 38वें मेयर फिरहाद हाकिम ने संवाददाताओं से कहा, 

'हम नजर बनाए हुए हैं और हमें न्यायपालिका पर भरोसा है. टीएमसी पार्टी या सरकार में किसी भी विसंगति या कदाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी. न्यायपालिका के फैसले के बाद टीएमसी कार्रवाई करेगी.'

मालूम हो कि पिछले साल जब सीबीआई ने पश्चिम बंगाल सरकार के दो मंत्रियों को गिरफ्तार कर लिया था, तो ममता बनर्जी सीधे कोलकाता स्थित जांच एजेंसी को ऑफिस पहुंच गई थीं और कहा था कि अगर आपने उनको गिरफ्तार किया है तो आपको मुझे भी गिरफ्तार करना पड़ेगा.

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