दिल्ली के नए मुख्य सचिव (New Chief Secretary of Delhi) के नाम का एलान हो गया है. गृह मंत्रालय ने 1989 बैच के IAS धर्मेंद्र कुमार को अरुणाचल प्रदेश से दिल्ली भेजते हुए उन्हें दिल्ली सरकार का मुख्य सचिव नियुक्त किया है. धर्मेंद्र कुमार 1 सितंबर से अपना कार्यभार संभालेंगे. धर्मेंद्र कुमार, नरेश कुमार की जगह लेंगे, जिन्हें 30 नवंबर, 2023 को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद दो एक्सटेंशन दिए गए थे.
कौन हैं धर्मेंद्र कुमार, जिन्हें दिल्ली का नया मुख्य सचिव बनाया गया है?
Delhi Chief Secretary: दिल्ली के मौजूदा मुख्य सचिव नरेश कुमार का कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त हो रहा है. केंद्र से उन्हें तीसरी बार एक्सटेंशन नहीं मिला. उनकी जगह अब IAS धर्मेंद्र कुमार लेंगे.

नरेश कुमार को पहला एक्सटेंशन छह महीने के लिए मिला था, तो दूसरा एक्सटेंशन तीन महीने के लिए मिला था. अब उनकी जगह धर्मेंद्र कुमार दिल्ली के मुख्य सचिव का पदभार ग्रहण करेंगे. धर्मेंद्र कुमार की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब दिल्ली विधानसभा चुनाव कुछ महीने दूर है. इस वजह से उनकी जिम्मेदारियां और भी महत्वपूर्ण हो गई हैं.
कौन हैं IAS अधिकारी धर्मेंद्र कुमार?धर्मेंद्र कुमार अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम एंड यूनियन टेरिटरी (AGMUT) कैडर के 1989 बैच के सीनियर IAS अधिकारी हैं. फिलहाल अरुणाचल प्रदेश के मुख्य सचिव हैं. उन्हें साल 2022 में वहां का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था. अब उनकी पोस्टिंग दिल्ली कर दी गई है.
धर्मेंद्र कुमार ने सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया है. उन्होंने पहले भी दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों में कई बड़ी जिम्मेदारियां निभाई हैं. धर्मेंद्र कुमार अरुणाचल प्रदेश के मुख्य सचिव बनने से पहले नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के चेयरपर्सन रहे हैं.
इंडिया टुडे के कुमार कुणाल की रिपोर्ट के मुताबिक धर्मेंद्र कुमार के सामने दिल्ली की चुनी हुई सरकार, नौकरशाही और उपराज्यपाल के बीच दूरियों को पाटना सबसे बड़ी चुनौती हो सकती है. धर्मेंद्र कुमार को उनके शांत व्यवहार के लिए जाना जाता है. अपनी इसी छवि को बनाए रखना उनके लिए महत्वपूर्ण होगा.
धर्मेंद्र कुमार आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले अपनी जिम्मेदारी को संभाल रहे हैं, जिससे उनकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है. धर्मेंद्र कुमार के अनुभव में NDMC के अध्यक्ष और दिल्ली के पूर्व पर्यावरण सचिव के रूप में उनका कार्यकाल शामिल है.
वहीं, उनके सामने दिल्ली में सर्दियों के दौरान बढ़ने वाले खतरनाक प्रदूषण की भी चुनौती होगी. प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्रभावी नियम सुनिश्चित करना उनकी प्राथमिकताओं में से एक होगी. साथ ही, उनके सामने दिल्ली के राजनीतिक परिदृश्य और चुनावी प्रक्रिया की जटिलताओं को सुलझाने की चुनौती होगी.
नरेश कुमार को तीसरी बार नहीं मिला सेवा विस्तारदो बार एक्सटेंशन हासिल करने वाले, दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को तीसरी बार सेवा विस्तार का लाभ नहीं मिला. आज यानी 31 अगस्त को उनका कार्यकाल समाप्त हो गया. वो 1987 बैच के IAS अधिकारी हैं और उन्हें केंद्र सरकार और LG वीके सक्सेना का करीबी सहयोगी माना जाता था. उनके कार्यकाल में कई हाई-प्रोफाइल जांच हुईं, जिनमें दिल्ली एक्साइज पॉलिसी और मुख्यमंत्री आवास के निर्माण में कथित अनियमितताएं शामिल थीं. उनके शासनकाल के दौरान अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया दोनों को जेल का सामना करना पड़ा, जिससे उनका कार्यकाल काफी विवादास्पद हो गया.
नरेश कुमार का कार्यकाल महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए जाना जाता है. जैसे सेवाओं पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला और उसके बाद संसद में दिल्ली सेवा अधिनियम में संशोधन के लिए विधेयक पारित होना. मुख्य सचिव के रूप में उनका कार्यकाल आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के साथ लगातार टकराव से भरा रहा.
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