जादवपुर यूनिवर्सिटी कैंपस राष्ट्रविरोधी और कम्युनिस्ट गतिविधियों का केंद्र है. यह पहली बार नहीं है कि इस तरह की घटना वहां हुई है. जिस तरह हमारे सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान में आतंकी शिविरों को नष्ट करने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक किया, उसी तरह हमारे कैडर भी जादवपुर यूनिवर्सिटी कैंपस में राष्ट्रविरोधी तत्वों को नष्ट करने के लिए उसी तरह की सर्जिकल स्ट्राइक करेंगे.क्या है मामला? केंद्रीय मंत्री हैं बाबुल सुप्रियो. 19 सिंतबर को वो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से आयोजित एक समारोह में शामिल होने के लिए जादवपुर यूनिवर्सिटी गए थे. छात्रों ने घेराव किया और उन्हें काले झंडे दिखाए. सुप्रियो गेट पर ही रोक लिए गए.
मैं यहां राजनीति करने नहीं आया हूं. विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों के व्यवहार से दुखी हूं, जिस तरह उन्होंने मेरा घेराव किया. उन्होंने मेरे बाल खींचे और मुझे धक्का दिया.सुप्रियो घंटो फंसे रहे. जब कहीं से बात नहीं बनी तो शाम को पश्चिम बंगाल के गवर्नर और यूनिवर्सिटी के चांसलर जगदीप धनखड़ ख़ुद यूनिवर्सिटी पहुंचे और बाबुल सुप्रियो को साथ लेकर बाहर आए. दिलीप घोष का कहना है कि सुप्रियो को बचाने के लिए राज्यपाल का यूनिवर्सिटी जाना ठीक था. दिलीप घोस ने कहा-
'राज्य सरकार सुप्रियो के मारे जाने का इंतजार कर रही थी.'घोष ने परिसर के अंदर की स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रहने के लिए जादवपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉक्टर सुरंजन दास के तत्काल इस्तीफे की भी मांग कर डाली. वहीं सुरंजन दास पिछले कुछ दिनों से एएमआरआई अस्पताल में भर्ती हैं. 21 सितंबर को राज्यपाल जदगीप धनखड़ भी उनसे मिलने अस्पताल पहुंचे थे. वहीं बाबुल सुप्रीयो के साथ यूनिवर्सिटी में जो कुछ हुआ, उसे लेकर बंगाल में सियासत गर्मा रही है. और बीजेपी लगातार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाए हुए है.
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