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'मुंबई हमले में हेमंत करकरे आतंकी की गोली से नहीं मरे थे', कांग्रेस नेता ने किस आधार पर इतनी बड़ी बात बोली?

Maharashtra के कांग्रेस नेता Vijay Wadettiwar ने पूर्व एटीएस चीफ Hemant Karkare की हत्या पर बड़ा दावा किया है. जिसके बाद महाराष्ट्र की सियासत गर्मा गई है. क्या है पूरा मामला?

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कांग्रेस नेता विजय नामदेवराव वडेट्टीवार का हेमंत करकरे की हत्या को लेकर बड़ा दावा. (फोटो- इंडिया टुडे)

महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस के विजय नामदेवराव वडेट्टीवार (Vijay Wadettiwar) के एक बयान ने बवाल मचा दिया है. रविवार, 5 मई को उन्होंने दावा किया है कि मुंबई पुलिस के अधिकारी हेमंत करकरे की हत्या जिस गोली से हुई थी, वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RRS) के एक वफादार पुलिस अधिकारी ने चलाई थी. 26 नवंबर, 2008 में मुंबई में आतंकी हमला हुआ था. उस दौरान आतंकियों की ओर से जवाबी फायरिंग में हेमंत करकरे को तीन गोली लगी थीं. जिससे उनकी मौत हो गई थी. 

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वडेट्टीवार के आरोपों पर BJP क्या बोली?

विजय वडेट्टीवार के बयान को लेकर बीजेपी कांग्रेस पर हमलावर है. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने सोशल मीडिया X पर लिखा,

कांग्रेस अपने खास वोट बैंक को खुश करने और उसे पाने के लिए किसी भी हद तक गिर सकती है. महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और LoP विजय वडेट्टीवार ने 26/11 के आतंकियों को क्लीन चिट देकर ये बात साबित कर दी. उनके मुताबिक शहीद हेमंत करकरे जी पर कसाब ने गोली नहीं चलाई थी. क्या आतंकियों का पक्ष लेते समय कांग्रेस को बिल्कुल भी शर्म नहीं आई? आज पूरे देश को ये भी पता चल गया है कि क्यों कांग्रेस और शहजादे की जीत के लिए पाकिस्तान में दुआएं मांगी जा रही हैं.

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विजय वडेट्टीवार ने बताया किस आधार पर ये बोला

कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार के बयान ने जब तूल पकड़ा तो उन्होंने अपने बयान पर सफाई भी दी. उन्होंने कहा,

‘हेमंत करकरे की हत्या आतंकियों की गोली से नहीं हुई है. ये बात पुलिस अफसर एस एम मुश्रीफ (शमशुद्दीन मुश्रीफ) ने अपनी किताब में लिखी है. ये बात मैं नहीं कह रहा हूं बल्कि मुश्रीफ ने अपनी किताब मे छपवाई है. पुलिस अफसर ने अपनी किताब में लिखा है कि हेमंत करकरे की जिस गोली से हत्या हुई है वो गोली अतिरेकों (आतंकवादियों) की नहीं है. इस बात को कसाब खिलाफ केस लड़ रहे वकील उज्ज्वल निकम कोर्ट के सामने क्यों नहीं लेकर लाए?’

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वडेट्टीवार ने आगे कहा कि अजमल कसाब को फांसी देना कोई बड़ी बात नहीं है. कोई भी सामान्य वकील और बेलआउट करने वाला वकील भी ये काम कर सकता था.

बतादें कि महाराष्ट्र के पूर्व आईजी एसएम मुश्रीफ ने हेमंत करकरे की हत्या की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. लाइव लॉ कि रिपोर्ट के मुताबिक याचिका में कहा गया था कि हेमंत करकरे की हत्या पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब और अबू इस्माइल ने नहीं, बल्कि उन लोगों ने की थी जिन्होंने फायदा उठाकर उन्हें मारने की साजिश रची थी. बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को खारिज कर दिया था.

वडेट्टीवार ने बिरयानी वाला मुद्दा उठाया 

उज्जवल निकम को बीजेपी ने इस बार मुंबई उत्तर मध्य लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने उज्जवल निकम पर देशद्रोही होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा,

उज्वल निकम ने 26/11 मुंबई हमले के आतंकवादी कसाब को बिरयानी देने का आरोप लगाकर कांग्रेस को बदनाम किया था. क्या कोई कसाब को बिरयानी देगा? निकम ने बाद में खुद ये माना था कि कसाब को बिरयानी नहीं दी गई थी. कैसा वकील है, गद्दार है जिसने कोर्ट में गवाही ही नहीं दी. अगर कोर्ट से ये सच छुपाने वाले गद्दार को बीजेपी टिकट दे रही है, तो सवाल उठता है कि बीजेपी इन गद्दारों का समर्थन क्यों कर रही है.

क्या कसाब को बिरयानी दी गई थी?

आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक उज्वल निकम ने बिरयानी वाली बात कहने के कुछ साल बाद इस पर सफाई दी थी. जयपुर में आतंकवाद विरोधी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन से इतर मीडिया से उन्होंने कहा था, ‘कसाब ने कभी भी बिरयानी की मांग नहीं की थी और न ही सरकार ने उसे बिरयानी परोसी थी. मुकदमे के दौरान कसाब के पक्ष में बन रहे भावनात्मक माहौल को रोकने के लिए मैंने इसे गढ़ा था.’

वीडियो: जयपुर मुंबई ट्रेन हादसे के बाद अजमल कसाब का ये वीडियो क्यों वायरल है?

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