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विजय हज़ारे: आज़ाद भारत को अंग्रेजों के खिलाफ जीत दिलाने वाला पहला कप्तान

इन्हीं के नाम से शुरू हुई थी विजय हज़ारे ट्रॉफी. आज बड्डे है.

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Vijay Hazare अपने खेलने के दिनों में, दूसरी तस्वीर उनकी रिटायरमेंट के बाद की है.
दुनिया में कई बल्लेबाज हुए हैं जिनके क्रीज़ पर उतरते ही रन बरसना शुरू हो जाते हैं. सर डॉन ब्रैडमैन से लेकर विरेंदर सहवाग और क्रिस गेल तक ने अपने आक्रामक खेल से विरोधी टीमों को डराया. मगर कुछ बल्लेबाज ऐसे भी हुए हैं जो क्रीज पर आते तो विरोधी टीमें यही देख कर चौंक जातीं कि इनमें इतना धैर्य, ध्यान और रन बनाने की भूख कहां से आती है.
और ऐसे बल्लेबाजों में राहुल द्रविड़ का नाम हमेशा शामिल रहेगा. लेकिन राहुल द्रविड़ से पहले इस लिस्ट में विजय हजारे का नाम आता है. आजाद भारत का पहला कप्तान, जिसने 14 टेस्ट मैच में मुल्क की कप्तानी की. 1951 से 1953 के बीच. भारत को पहली टेस्ट जीत भी विजय हजारे की कप्तानी में मिली थी. ये खास इसलिए भी थी क्योंकि हमने इंग्लैंड को उसी के खेल में हराया था. भारत ने अपना पहला टेस्ट एक पारी और आठ रन से उस दिन जीता था, जब ब्रिटेन के किंग जॉर्ज VI की मौत हुई थी.
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घरेलू क्रिकेट को मजबूती देने के लिए भी याद किया जाता है विजय हज़ारे को.

महाराष्ट्र के सांगली इलाके में 11 मार्च 1915 को पैदा हुए विजय एक स्कूल टीचर के आठ बच्चों में से एक थे. बड़े होकर क्रिकेटर बने. अपने करियर में 30 टेस्ट मैच में 47.65 के औसत से 2192 रन जोड़े. मगर जितना इंटरनेशनल करियर सफल रहा उससे कहीं ज्यादा घरेलू क्रिकेट में नाम हुआ. सुनील गावस्कर, सचिन तेंडुलकर, राहुल द्रविड़ और अब वसीम जाफर के बाद अगर किसी इंडियन प्लेयर के घरेलू क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन हैं तो वो विजय हजारे हैं.
58.38 की औसत से 18,740 रन जिनमें 10 डबल सेंचुरी शामिल हैं. इनमें से 6 डबल सेंचुरी तो तब लगाईं जब दुनिया में विश्व युद्ध चल रहा था. उस दौरान भारत इकलौता टेस्ट प्लेइंग देश था जहां घरेलू क्रिकेट जारी रखने की आजादी थी. रणजी ट्रॉफी के इतिहास में पहली बार अगर किसी ने तिहरा शतक मारा था तो वो विजय हजारे थे. महाराष्ट्र के लिए खेलते हुए बड़ौदा के खिलाफ 316 रनों की पारी खेली.
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साल 2017 में तमिलनाडु ने ये ट्रॉफी जीती थी.

भारतीय घरेलू क्रिकेट में इस खिलाड़ी के गजब के योगदान के चलते साल 2002-03 में विजय हज़ारे ट्रॉफी शुरू की गई थी. इसे रणजी ट्रॉफी का वनडे फॉरमेट भी कहा जाता है. रणजी के खत्म होते ही हर साल ये ट्रॉफी शुरू होती है. 50 ओवर्स के मैच होते हैं और रणजी में शामिल होने वाली टीम्स इस ट्रॉफी में भिड़ती हैं.
रणजी की 27 टीम्स को पांच ज़ोन में बांटा जाता है. जिनमें सेंट्रल, ईस्ट, नॉर्थ, साउथ और वेस्ट जोन शामिल हैं. अभी तक तमिलनाडु ने सबसे ज्यादा पांच बार ये ट्रॉफी जीती है. टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए रणजी के बाद इस टूर्नामेंट में खिलाड़ी अपनी फॉर्म और टैलेंट का प्रदर्शन करते दिखते हैं. क्योंकि सेलेक्टर्स की नजर इस पर रहती है.
हजारे के कुछ गजब क्रिकेट रिकॉर्ड्स:
# घरेलू क्रिकेट में तिहरा शतक मारने वाला पहला भारतीय. वो भी एक नहीं बल्कि दो तिहरे शतक.  316* और 309 रनों की पारियां खेलीं. # पहला भारतीय बल्लेबाज जिसने टेस्ट मैच की दोनों परियों में सेंचुरी मारी हो. साल था 1947-48, मैदान ऑस्ट्रेलिया का ए़डिलेड और पारियां थीं 116 और 145. # हज़ारे के नाम एक और रिकॉर्ड जुड़ा, वो ये कि 1951-52 में वह इंग्लैंड के खिलाफ कानपुर मैच की दोनों पारियों में जीरो पर आउट हुए थे. ऐसा करने वाले भी वह पहले भारतीय बल्लेबाज हैं. # तीन टेस्ट मैचों में तीन शतक लगाने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज भी विजय हजारे ही हैं. # घरेलू क्रिकेट में 50 शतक मारने वालों में भी पहला नाम विजय हजारे का ही है.


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