हमारे बेपरवाह, निडर और असाधारण पिता विनोद दुआ का निधन हो गया. उन्होंने दिल्ली की शरणार्थी कॉलोनियों से निकलकर पत्रकारिता के शिखर तक बढ़ते हुए एक अद्वितीय जीवन जिया. वे हमेशा सच बोलते रहे. वह अब हमारी मां, उनकी प्यारी पत्नी चिन्ना के साथ स्वर्ग में हैं, जहां वे गाना, खाना बनाना, यात्रा करना एक-दूसरे के लिए जारी रखेंगे. अंतिम संस्कार रविवार, 5 दिसंबर को लोधी श्मशान घाट में होगा.
कोरोना की दूसरी लहर में विनोद दुआ और उनकी पत्नी संक्रमित हो गए थे. दोनों की तबीयत काफी बिगड़ गई थी. इसके बाद दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी पत्नी का 12 जून को निधन हो गया था.
विनोद दुआ के निधन पर कई लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है.
अखिलेश यादव ने ट्वीट किया,
देश के जानेमाने पत्रकार विनोद दुआ जी की मृत्यु, पत्रकारिता जगत के लिए अपूरणीय क्षति है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति एवं शोकाकुल परिजनों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करे.
पत्रकार विनोद दुआ साहब के निधन के बारे में सुनकर गहरा दुख हुआ. उनका निधन पत्रकारिता जगत के लिए बहुत बड़ी क्षति है. ईश्वर उनके परिवार और शुभचिंतकों को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करें. भावभीनी श्रद्धांजलि.