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इस लिंक पर एक बार क्लिक करने पर 5 रुपये मिलेंगे!

आपको करोड़पति बनाने की प्रतीक्षा में.

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फोटो - thelallantop
उत्तर प्रदेश एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने नोएडा के सेक्टर-63 में 3,726 करोड़ रुपये के घोटाले का भंडाफोड़ गुरुवार को किया है. ये घोटाला हम सब से सीधा जुड़ा हुआ है. क्योंकि हम सभी फेसबुक और ट्विटर पर दिन-रात लगे रहते हैं. सोशल मीडिया पर हमेशा क्लिक कर पैसे कमाने का ऑप्शन आता रहता है. तो ये कंपनी भी 'एक क्लिक करो और 5 रुपये कमाओ' की थीम पर काम कर रही थी. और इस काम का मास्टर माइंड था एक इंजीनियर. बहुत दिमाग लगाया है.

26 साल के ग्रेजुएट अनुभव मित्तल ने बीटेक की पढ़ाई पूरी करने से पहले ही एल्बेज एन्फो सॉल्यूशन कंपनी  बना ली. कॉलेज टाइम में ऐसा करना अचानक से आपको बाकी जनता की निगाह में ऊंचा उठा देता है. तो  2010 में यह कंपनी बनाई गई थी जिसका पता - एसपी मुखर्जी मार्ग, चांदनी चौक, दिल्ली है. पर अभी जब एसटीएफ की टीम वहां पहुंची तो उन्हें वहां कोई ऑफिस नहीं दिखा. क्या दिमाग लगाया था अनुभव ने? ये कंपनी लोगों को खुद से जोड़ती थी. जुड़ने के बाद फायदा होने की बात कही गई. जुड़ने के लिए पहले रुपये कंपनी के अकाउंट में जमा करने होते थे. पर आमदनी के हिसाब से इसमें चार तरह का प्लान था. सबसे सस्ता प्लान 5,750 रुपये का था. तीन और प्लान 11500, 28750,  57500 रुपये के थे. 5750 रुपये का प्लान चुनने के बाद मेंबर को हर क्लिक पर 5 रुपये मिलते थे. मेंबर को किस वेब लिंक पर क्लिक करना होगा, ये कंपनी बताती थी. महंगे प्लान वाले मेंबर को ज्यादा लिंक्स मिलते थे, वहीं सस्ते प्लान वाले मेंबर को कम लिंक्स मिलते थे. हर मेंबर को अपने नीचे दो और लोगों को जोड़ना होता था, जिसके बाद मेंबर को क्लिक्स के बाद एक्स्ट्रा पैसे मिलते थे. नाम-पता, सूचनाएं लीक होने के डर से कंपनी लगातार अपना नाम बदल रही थी. socialtrade.biz से freehub.com फिर intmaart.com फिर frenzzup.com और फिर 3W.com पर वेबसाइट रिडायरेक्ट  कर रही थी.
एसटीएफ की शुरुआती जांच में पता चला है कि कंपनी में करीब 6.5 लाख से ज्यादा लोगों के पैसे लगे हुए हैं. करीब 9 लाख आईडी से लोगों ने कंपनी में पैसे जमा किए हैं. अब सबको पैसे मिल नहीं रहे थे. शुरू में कुछ को मिले थे. बाद में पैसे नहीं मिलने पर लोगों ने शिकायत दर्ज करनी शुरू कर दी. कंपनी के मेल सर्वर पर लाखों शिकायतें मिली हैं.
घोटालेबाज़ी इस तरह सामने आई पैसे नहीं मिलने पर लोगों ने सूरजपुर और नोएडा फेज़ 3 थानों में केस दर्ज कराए. शुरू में पुलिस को नॉर्मल ऑनलाइन धोखाधड़ी का मामला लगा. पर जैसे-जैसे जांच बढ़ी पता चला कि ये घोटाला करीब 3,726 करोड़ रुपयों का है. पर एसटीएफ के लिए मामले की जांच करना आसान नहीं होगा. क्योंकि कंपनी के सारे सर्वर किराए के हैं.
एसटीएफ को कंपनी के दो बैंक अकाउंट से 480 और 44 करोड़ रुपये मिले जिसे ट्रैक करके सीज कर दिया गया है. कंपनी पुराने बैंक अकाउंट क्लोज कर नए-नए अकाउंट बना लेती थी. RBI, EOW (Economic Offences Wing), फाइनेंस मिनिस्ट्री को भी कई सारी शिकायतें लगातार मिली थीं.
अनुभव के पापा भी शामिल बताए जा रहे हैं बताया गया है कि कंपनी में अनुभव ने खुद के साथ पापा सुनील मित्तल को भी डायरेक्टर बना दिया था. हापुड़ में सुनील मित्तल की मित्तल इलेक्ट्रॉनिक्स के नाम से दुकान है. फिर दिल्ली से एमबीए की पढ़ाई करने वाले श्रीधर प्रसाद भी इस काम में शामिल हुए थे. छह महीने पहले उनको कंपनी का सीईओ बनाया गया था. श्रीधर की पत्नी ने इस कंपनी में पैसे लगाए थे, जिसके कारण श्रीधर और अनुभव की मुलाक़ात कई बार हुई थी. श्रीधर को समझ आ गया था, तो वो पार्टनर बन गए. अभी कंपनी के एमडी अनुभव मित्तल, सीईओ श्रीधर प्रसाद और टेक्निकल हेड महेश दयाल को अरेस्ट कर लिया गया है. तो मसला ये है कि क्लिक अपने मन से ही करें. किसी के बहकावे में न आकर करें. और जहां पैसे की बात आए तो दिमाग लगा लें. कहीं पर भी मुफ्त में कुछ नहीं मिलता. अगर क्लिक से पैसा मिलना होता तो प्रधानमंत्री लोगों को क्लिक करने ही नहीं बैठा देते क्या? क्यों कंपनियां बुलाई जातीं? क्यों एप्पल बेंगलुरु आती आईफोन बनाने और हम खुश होते. कह न देते कि तुम वहीं रहो, हम क्लिक कर के पैसे कमाएंगे और खरीद लेंगे.
आदित्य झा ने ये स्टोरी की है. More Stories: फ़र्रुख़ाबाद से ग्राउंड रिपोर्ट: कहानी बाप की हत्या के आरोपी से लड़ रहे फौजी और बाहुबली की अपना धर्म अपने काबू में रखो, पगलाया सांड ना बनाओ उसको इस औरत को सामूहिक रूप से गालियां देने के पहले सोच लीजिए अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की नंबर वन घटिया हरकत देख लीजिए