अमेरिका(America) और ब्रिटेन(Britain) ने यमन स्थित हूती विद्रोहियों पर हमले शुरू कर दिए हैं. पिछले कुछ समय से लाल सागर से गुजरने वाले जहाजों पर हूती विद्रोही हमले कर रहे हैं. अब अमेरिका और ब्रिटेन ने उन हमलों के जवाब में हूती विद्रोहियों पर अटैक किया है. हूती विद्रोहियों पर अटैक के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का बयान आया है. उन्होंने कहा है कि अगर ज़रूरत पड़ी, तो अमेरिका कार्रवाई को अगले स्तर पर ले जाने से भी पीछे नहीं हटेगा.
यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ उतरे अमेरिका-ब्रिटेन, आधी रात में 4 शहरों पर बरसाए बम
Yaman में America और Britain के हमलों में Houthi Rebels के सैन्य अड्डों, मानवरहित जहाज़ों, क्रूज मिसाइलों, तटों और आसमान पर नजर रखने वाले रडारों को निशाना बनाया गया है.
.webp?width=360)
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, जो बाइडन ने कहा,
"इन हमलों से हम ये बता देना चाहते हैं कि अमेरिका और उसके सहयोगी देशों पर हो रहे हमलों के ख़िलाफ हम चुप नहीं बैठेंगे, ना ही हम अपने जहाजों पर हमले होने देंगे."
अमेरिकी के रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने हूतियों पर हमले के बाद बताया कि इन हमलों में आतंकी संगठन के मानवरहित जहाज़ों, क्रूज मिसाइलों, तटों और आसमान पर नजर रखने वाले रडारों को निशाना बनाया गया है.
उधर, ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने भी हमले को लेकर एक स्टेटमेंट जारी किया है. इसमें कहा गया है,
“इस हमले से हम ये संकेत देना चाहते हैं कि हम अपने जहाजों पर हो रहे हूती हमलों को तगड़ा जवाब देना चाहते हैं, और हूती विद्रोहियों की ताकत को कम करना चाहते हैं.”
अमेरिका और ब्रिटेन के हमलों को लेकर हूती विद्रोहियों की तरफ से भी एक बयान जारी हुआ है. संगठन के एक अधिकारी ने इस हमले की पुष्टि की है. रॉयटर्स के मुताबिक अधिकारी ने इसे अमेरिकी-यहूदी-ब्रिटिश हमला बताया है. अधिकारी ने कहा कि यमन की राजधानी सना के साथ-साथ सदा, धमार और होदेइदाह जैसे शहरों पर भी हमले हुए हैं. एक अन्य अधिकारी ने बताया कि इन शहरों के हवाई सैन्य अड्डों पर भी हमले हुए हैं.
ये भी पढ़ें - हूतियों का अमेरिका ने बुरा हाल किया, तीन बोट तबाह, 10 मरे
बता दें कि पिछले कुछ महीनों से हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में हमले तेज कर दिए हैं. ये हमले गाजा में इजरायल की कार्रवाई के विरोध में किए जा रहे हैं. अमेरिका और ब्रिटेन सहित कई और देशों ने हूती विद्रोहियों को चेतावनी भी दी थी कि वो हमले रोक दें, लेकिन आतंकियों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा. जिसके बाद अमेरिका ने हूतियों को परिणाम भुगतने की चेतावनी दी थी.
अमेरिका ने भारत को क्या बताया था?गुरुवार, 11 जनवरी को इस मामले पर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की फोन पर बातचीत हुई थी. जयशंकर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'X' पर इसकी जानकारी दी थी. उन्होंने लिखा,
"मेरे दोस्त अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन से आज शाम बातचीत हुई. हमारी बातचीत में समुद्री सुरक्षा चुनौतियों, ख़ासकर लाल सागर के क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा हुई. गाजा समेत पश्चिम एशिया के मौजूदा हालात पर भी उनका दृष्टिकोण सराहनीय है."
एस जयशंकर के मुताबिक ब्लिंकन से बातचीत के दौरान यूक्रेन विवाद से जुड़े मुद्दों पर भी विचार साझा किए गए.
वीडियो: यमन के हूती विद्रोहियों की क्या है कहानी जिसे अमेरिका 'आतंकी संगठन' बताने जा रहा है?