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पन्नू की हत्या की साजिश रचने वाले 'भारतीय' ही निज्जर मर्डर में शामिल, US का ये दावा कोहराम मचा देगा!

अमेरिका ने दो भारतीय नागरिकों पर खालिस्तानी चरमपंथी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की विफल साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है. निखिल गुप्ता और भारत सरकार में अधिकारी CC-1 (कोड नेम). अमेरिका का ये भी दावा है कि यही आरोपी हरदीप सिंह निज्जर के मर्डर की प्लानिंग में भी शामिल थे

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खालिस्तानी चरमपंथी गुरपतवंत सिंह पन्नू और हरदीप सिंह निज्जर (फाइल फोटो- इंडिया टुडे)

अमेरिका ने दो भारतीय नागरिकों पर खालिस्तानी चरमपंथी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की विफल साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया है. निखिल गुप्ता और भारत सरकार में अधिकारी CC-1 (कोड नेम). इतना ही नहीं, अमेरिका का ये भी दावा है कि यही आरोपी हरदीप सिंह निज्जर के मर्डर की प्लानिंग में भी शामिल थे (Pannu Nijjar Murder Plot). अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र भी तैयार कर लिया है. 

अमेरिका में न्यूयॉर्क साउथ जिले के अटॉर्नी ऑफिस ने एक प्रेस रिलीज में दावा किया,

18 जून को नकाबपोश बंदूकधारियों ने कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया में एक सिख मंदिर के बाहर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी. निज्जर, पीड़ित (पन्नू) का सहयोगी था. उसकी तरह ही सिख अलगाववादी आंदोलन का नेता और भारत सरकार का मुखर आलोचक था. अगले दिन 19 जून को निखिल गुप्ता ने एक अमेरिकी अंडरकवर अफसर (हिटमैन) को बताया कि ‘निज्जर भी टारगेट था और हमारे पास कई और टारगेट हैं’. गुप्ता ने कहा कि निज्जर के बाद पीड़ित की हत्या के लिए इंतजार करने की कोई जरूरत नहीं है. 

अंग्रेजी अखबार द हिंदू से जुड़ीं वरिष्ठ पत्रकार सुहासिनी हैदर की एक रिपोर्ट के मुताबिक,

अमेरिकी के न्याय विभाग ने एक आरोप पत्र में पन्नू की हत्या साजिश के आरोपियों को कनाडा में निज्जर की हत्या से भी जोड़ा है. आरोप है कि उन्हीं लोगों ने दोनों साजिश रची हैं. आरोपियों में से एक कथित तौर पर एक वरिष्ठ भारतीय खुफिया अधिकारी है. मामले पर विदेश मंत्रालय ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. 

बता दें, भारत ने 29 नवंबर को साफ कर दिया कि 18 नवंबर को ही इस मामले में हाईलेवल जांच बैठा दी गई थी.

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इससे पहले, खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से भारत-कनाडा रिश्तों में तनातनी बढ़ने के बाद से ही प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस का डी फैक्टो मुखिया पन्नू धमकी भरे बयान जारी कर रहा था. इसी बीच ब्रिटेन के अखबार फाइनेंशियल टाइम्स ने 22 नवंबर की अपनी रिपोर्ट में दावा कर दिया कि पन्नू को मारने की कथित ‘भारतीय साजिश' को अमेरिकी एजेंसियों ने नाकाम कर दिया. अखबार ने ये भी दावा किया कि अमेरिकी सरकार ने इस विषय में प्रधानमंत्री मोदी के अमेरिका दौरे के वक्त बात की थी.  

‘Pannu की हत्या के लिए किलर की तलाश’

इधर पन्नू से जुड़े मामले को लेकर अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट ने कहा कि भारत में बैठे CC-1 के कहने पर निखिल गुप्ता ने हत्या के लिए एक 'किलर' की तलाश शुरू की. इसी तलाश में निखिल का संपर्क एक ऐसे शख्स से हुआ जिसका अपराधियों के साथ उठना-बैठना था. वास्तव में ये शख्स अमेरिकी एजेंसियों का एक खुफिया सोर्स था. इस सोर्स ने निखिल गुप्ता को 'हिटमैन' बताकर एक शख्स से मिलवाया.

हिटमैन भी अमेरिकी एजेंसियों का एक अंडरकवर अफसर था. इस 'हिटमैन' को हत्या के लिए 1 लाख अमेरिकी डॉलर (तकरीबन 83 लाख रुपये) की सुपारी देने की बात तय हुई. गुप्ता ने 'हिटमैन' से कहा था कि जल्द से जल्द पन्नू की हत्या कर दे. लेकिन हिटमैन को इस बात का ध्यान रखना था कि ये काम भारत और अमेरिका के बीच उच्च स्तरीय कार्यक्रमों के आसपास न हो. क्या यहां संकेत प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा की तरफ है, ये स्पष्ट नहीं है, क्योंकि प्रेस रिलीज़ में बस engagements और high level US and Indian government officials शब्दों का इस्तेमाल हुआ है.

अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के अनुसार, चेक रिपब्लिक ने 30 जून 2023 को निखिल गुप्ता को गिरफ्तार कर हिरासत में ले लिया था. सनद रहे कि चेक रिपब्लिक और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि है. माने दोनों के यहां एक दूसरे के अपराधियों को गिरफ्तार किया जा सकता है और उन्हें अपराध वाले देश भेजा जा सकता है.

वीडियो: खालिस्तानी आतंकी पन्नू हमले से बचा, 'साजिश' पर अमेरिका ने भारत को क्या सुना दिया?