अमेरिका ने पन्नू मर्डर प्लॉट (Pannu Murder Plot)और निज्जर मर्डर को लेकर भारत पर गंभीर आरोप लगाए थे. अब मामले पर अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी (Eric Garcetti) ने ANI के साथ इंटरव्यू में विस्तार से चर्चा की है. इस दौरान उन्होंने मामले पर भारत की तरफ से की गई कार्रवाई को लेकर जमकर तारीफ की. साथ ही बताया कि मामले के चलते US-भारत के संबंधों पर कोई असर नहीं पड़ा है. उन्होंने जोर देकर ये भी कहा कि किसी भी देश या शख्स को रेड लाइन क्रॉस नहीं करनी चाहिए.
'लाइन नहीं क्रॉस करनी चाहिए', US के राजदूत ने पन्नू मामले पर भारत को क्या सुना दिया?
अमेरिकी राजदूत Eric Garcetti ने भारत की तारीफ भी की. बोले- भारत सरकार से जो कुछ भी कहा उसे पूरा किया गया. भारत-US संबंधों पर भी बात की.

अमेरिका के राजदूत ने कहा,
हर किसी के लिए एक रेड लाइन होना जरूरी है जिसे पार नहीं करना चाहिए. किसी भी सरकार या सरकारी अधिकारी को अपने ही देश की नागरिक की हत्या में शामिल नहीं होना चाहिए.
आगे बोले,
मुझे लगता है कि अब तक भारत सरकार से जो कुछ भी कहा गया उसे पूरा किया गया है. ऐसा ही हमारी साइड से भी हुआ है. जब भी आरोप लगते हैं तो हम उसे बहुत गंभीरता से लेते हैं. मुझे बहुत खुशी हुई कि भारत ने जांच आयोग का गठन किया और कानून प्रवर्तन में अनुभवी वरिष्ठ लोगों को इसमें शामिल किया. भारत घरेलू स्तर पर मामले की जांच और सबूत जुटाने में लगा हुआ है. अगर अमेरिकी सरकार के खिलाफ दूसरे देश में किसी की हत्या की साजिश के आरोप लगे होते तो हम भी इसी तरह के कदम उठाते.
एरिक गार्सेटी से पूछा गया कि क्या इस तरह के मामलों के चलते भारत और अमेरिका के बीच संबंधों पर कुछ असर पड़ सकता है तो उन्होंने इस बात से साफ इनकार किया. बोले,
हम मामले पर एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं. अगर भरोसा नहीं होता तो हम ऐसा कैसे कर सकते थे? हमें भारत पर पूरा भरोसा है.
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बता दें, जून 2023 में कनाडा के वैंकूवर में 'खालिस्तानी आतंकी' हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हो गई थी. कनाडा ने मामले को लेकर भारत पर आरोप लगाए. फिर अमेरिका में पन्नू की हत्या की साजिश रचने के लिए भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता को जिम्मेदार ठहराया था.
हाल ही लल्लनटॉप के साथ इंटरव्यू में विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर ने कहा मामले में भारत का स्टैंड हमेशा से एक ही रहा है कि खालिस्तानी समर्थकों को पॉलिटिकल स्पेस नहीं दिया जाना चाहिए. क्योंकि ये ना तो भारत के हित में है, और ना कनाडा के हित में और ना ही दोनों के रिश्तों के हित में.
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