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संभल मस्जिद विवाद पर बोले सीएम योगी, "पुरानी विरासत को पाना..."

Yogi Adityanath ने धार्मिक आयोजन वाले स्थल को वक्फ प्रॉपर्टी बताने वालों को भी लताड़ा है. इससे पहले RSS प्रमुख मोहन भागवत ने मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर चिंता जताई थी और लोगों को ऐसे मुद्दे नहीं उठाने की सलाह दी थी.

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योगी आदित्यनाथ ने संभल विवाद पर अपनी बात रखी. (तस्वीर:आजतक)

यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि पुरानी विरासत को वापस हासिल करना ‘फिजूल की बात नहीं’ है. उन्होंने धार्मिक आयोजन वाले स्थल को वक्फ प्रॉपर्टी बताने वालों को भी लताड़ा है. इससे पहले RSS प्रमुख मोहन भागवत ने मंदिर-मस्जिद विवाद को लेकर चिंता जताई थी और लोगों को ऐसे मुद्दे नहीं उठाने की सलाह दी थी.

संभल विवाद पर 

योगी आदित्यनाथ ने आजतक के एक कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के संभल में मौजूद शाही मस्जिद को लेकर चल रहे विवाद का जिक्र किया. उन्होंने कहा,

“पुरानी विरासत को वापस पाना बुरी बात नहीं है. संभल में सनातन से जुड़े प्रमाण मिले हैं. भारत अब मुस्लिम लीग की मानसिकता से नहीं चलेगा.”

शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा को रेखांकित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि पुराणों में कल्कि का जन्मस्थान संभल बताया गया है. कल्कि को हिंदुओं के भगवान विष्णु का 10वां अवतार माना गया है.

सीएम योगी ने कहा,

”साल 1596 में संभल में एक हरिहर मंदिर को तोड़कर एक ढांचा खड़ा किया गया था. इसका जिक्र आइन-ए-अकबरी में भी किया गया है.”

हालांकि इतिहासकारों ने उनके दावे पर सवाल खड़े किए हैं. उनका साफ कहना है कि आइन-ए-अकबरी में ऐसा कुछ नहीं लिखा है. आइन-ए-अकबरी मुगल सम्राट अकबर के प्रशासन का दस्तावेज है जिसे उनके इतिहासकार अबुल फजल ने फारसी भाषा में लिखा था.

मोहन भागवत ने विवाद से दूर रहने की सलाह दी थी

संभल में कोर्ट के आदेश पर 19 दिसंबर को सर्वे की शुरुआत हुई थी. इसी दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने पुणे के एक कार्यक्रम में देश में मस्जिद के सर्वे की मांग को नहीं उठाने की नसीहत दी थी. उन्होंने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर हिंदुओं की आस्था का मामला था लेकिन रोज ऐसे नए मुद्दों को उठाना ‘अस्वीकार्य’ है.

भागवत ने कहा था, “अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ व्यक्तियों को ऐसा लगने लगा है कि वे ऐसे मुद्दों को उठाकर हिंदुओं के नेता बन सकते हैं.”

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योगी ने वक्फ बोर्ड का दावा करने वालों को लताड़ा

प्रयागराज में 13 जनवरी से महाकुंभ का आयोजन शुरू हो रहा है. इससे पहले ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी के 5 जनवरी को दिए एक बयान से बवाल खड़ा हो गया था. उन्होंने दावा किया कि गंगा किनारे वक्फ की 55 बीघा जमीन को प्रयागराज के कुंभ मेला वाले इलाके में शामिल कर लिया गया है.

इस दावे पर भी योगी ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि वक्फ का बताकर ली गई एक-एक इंच की भूमि को राज्य सरकार दोबारा हासिल करेगी.

योगी ने कहा, “कुंभ भारत की हज़ारों साल पुरानी संस्कृति की विरासत का प्रतीक है और ये यहां (प्रयागराज) हमेशा से आयोजित किया गया है. यह वक्फ बोर्ड नहीं बल्कि भूमि माफियाओं का बोर्ड है. जहां भी वक्फ आएगा वहां हम जांच करेंगे कि जमीन किसके नाम पर असल में रजिस्टर की गई थी."

सीएम ने कहा कि जमीन को उसके असल मालिक को वापस करने का प्रयास किया जाएगा.

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