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Apple के 'स्टेट-स्पॉन्सर्ड अटैक' नोटिफिकेशन पर IT मंत्री का बयान आ गया

विपक्ष के कई नेताओं को आए 'ऐपल थ्रेट अलर्ट' नोटिफिकेशन मामले में अब मोदी सरकार का भी बयान आया है. केंद्रीय सूचना और प्रोद्योगिकी (IT) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि भारत सरकार इसकी जांच कराएगी.

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विपक्ष के कई नेताओं को आए ऐपल थ्रेट अलर्ट की मोदी सरकार जांच कराएगी. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे और स्क्रीनशॉट: @ShashiTharoor)

मोदी सरकार विपक्ष के कई नेताओं को आए 'ऐपल थ्रेट अलर्ट' नोटिफिकेशन (Apple threat notification) की जांच कराएगी. केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी (IT) मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक जांच में ऐपल को भी सहयोग देने के लिए कहा गया है. वहीं IT राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इस थ्रेट अलर्ट पर ऐपल की ओर से स्पष्टीकरण दिए जाने की बात कही है.

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केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव बोले- 'हम चिंतित हैं…'

केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने इस मामले को लेकर X पर एक के बाद एक पांच पोस्ट किए. उन्होंने लिखा,

"सांसदों और दूसरे कई लोगों को ऐपल से अलर्ट भेजा गया. इस सूचना से हम चिंतित हैं. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक उनके डिवाइस पर आए नोटिफिकेशन में स्टेट स्पॉन्सर्ड (सरकार द्वारा वित्त-पोषित) अटैक' की बात है. हालांकि, इस पर ऐपल की ज्यादातर जानकारी सतही लगती है. Apple के मुताबिक ये नोटिफिकेशन शायद उन सूचनाओं पर आधारित हैं जो 'अधूरी या अपूर्ण' हैं. इसमें ये भी कहा गया कि कुछ नोटिफिकेशन फॉल्स अलार्म भी हो सकते हैं या कुछ अटैक का पता ही नहीं चल पाता है."

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अश्विनी वैष्णव की ओर से आगे कहा गया,

"भारत सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा और प्राइवेसी के लिए बेहद गंभीर है और सरकार इन नोटिफिकेशन के पीछे का कारण जानने के लिए जांच करेगी. हमने ऐपल से भी कहा है कि वो इन स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैक के अलर्ट की जांच में सहयोग दे. हमें सही और सटीक जानकारी मुहैया कराएं."

विपक्ष के कई नेताओं (Opposition leaders) ने सरकार पर उनके आईफोन को हैक कर जासूसी करने का आरोप लगाया है. कई नेताओं ने ‘ऐपल की तरफ से भेजे गए थ्रेट अलर्ट’ का स्क्रीनशॉट भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है.

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कई विपक्षी नेताओं को आया Apple का थ्रेट अलर्ट

TMC सांसद महुआ मोइत्रा, कांग्रेस नेता शशि थरूर और पवन खेड़ा, कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी और आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद राघव चड्ढा जैसे नेताओं ने अपने-अपने सोशल मीडिया अकाउंट से ऐपल अलर्ट का स्क्रीनशॉट शेयर किया है.

इस अलर्ट में लिखा है,

"सरकार द्वारा वित्त पोषित अटैकर्स आपके आईफोन पर हमला कर रहे हो सकते हैं. ऐपल का मानना है कि आपको स्टेट-स्पॉन्सर्ड (सरकार द्वारा वित्त-पोषित) अटैकर्स निशाना बना रहे हैं. जो दूर बैठकर आपकी ऐपल ID से जुड़े आईफ़ोन को कॉम्प्रोमाइज़ (हैक) करने की कोशिश कर रहे हैं. आशंका है कि ये अटैकर्स आपको अकेले इसलिए टारगेट कर रहे हैं कि आप कौन हैं और क्या करते हैं (शख्सियत के आधार पर). अगर आपकी डिवाइस कॉम्प्रोमाइज़ हो जाती है तो वे लोग आपका संवेदनशील डेटा, आपकी बातचीत और यहां तक कि आपका कैमरा और माइक्रोफ़ोन भी दूर बैठकर एक्सेस कर सकते हैं. हालांकि, ये भी हो सकता है कि ये फॉल्स अलार्म हो, लेकिन इस चेतावनी को गंभीरता से लीजिए."

IT राज्य मंत्री ने Apple से सफाई मांगी

इस पूरे मामले पर IT राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने ऐपल पर सवाल उठाए. उन्होंने एक्स पर लिखा,

"सांसदों और दूसरे कई लोगों को 'थ्रेट नोटिफिकेशन' मिलने के बाद हम आशा करते हैं कि ऐपल हमें इस बात का जवाब देगा कि अगर उसके बनाए डिवाइस सिक्योर हैं तो ये 'थ्रेट नोटिफिकेशन' 150 से ज्यादा देशों में क्यों भेजे गए? क्योंकि ऐपल तो हमेशा ये दावा करता रहता है कि वो प्राइवेसी को ध्यान में रखकर अपने डिवाइस डिजाइन करता है."

राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार अपने नागरिकों की प्राइवेसी की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और सरकार के मंत्री इस जिम्मेदारी को बहुत गंभीरता से लेते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार इन 'थ्रेट नोटिफिकेशन' की जांच करेगी और ऐपल के उन दावों की भी जांच करेगी, जिनमें कंपनी सुरक्षित और प्राइवेसी के अनुरूप डिवाइस बनाने की बात करती है.

 इंडिया टुडे की ऐश्वर्या की रिपोर्ट के मुताबिक ऐपल थ्रेट अलर्ट पर  केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा,

"ये एक गड़बड़ी लगती है, मैं जानता हूं जो लोग सार्वजनिक जीवन में नहीं हैं, उनमें से भी कुछ लोगों को यह मैसेज मिला है. विपक्ष को इस पर शोर मचाने से पहले जांच और वेरिफाई करने की जरूरत है. ये मैसेज करीब 150 देशों में सामने आए हैं, क्या विपक्ष कह रहा है कि BJP 150 देशों में ऐसा कर रही है?"

उन्होंने कहा कि ये हास्यास्पद है, विपक्ष के पास बात करने के लिए मुद्दे ही नहीं बचे हैं.

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