
“2022-23 से देश की सेंट्रल बैंक RBI द्वारा डिजिटल इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल करेंसी जारी की जाएगी. डिजिटल करेंसी लाने से सस्ता और इफेक्टिव करेंसी मैनेजमेंट सिस्टम बनेगा. इस सरकारी डिजिटल करेंसी का नाम ‘डिजिटल रुपया’ होगा. डिजिटल रुपया ब्लॉकचेन और दूसरी टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा.”डिजिटल एसेट्स को लेकर जो तीन ख़ास बातें वित्तमंत्री ने कहीं उन्हें संक्षिप्त में जान लेते हैं.
# RBI ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर बेस्ड डिजिटल करेंसी लाएगी. # प्राइवेट डिजिटल करेंसी के एक्सचेंज से होने वाले फायदे पर 30% का फ्लैट टैक्स लगेगा. इन्वेस्टर्स को घाटे पर कोई समायोजन नहीं दिया जाएगा. #डिजिटल एसेट्स के माध्यम से पेमेंट करने पर 1% TDS लिया जाएगा. # कॉस्ट ऑफ़ एक्वीजीशन यानी एसेट्स खरीदने में आने वाले खर्च के अलावा एक्स्पेंसेज़ पर कोई कटौती नहीं की जाएगी. #डिजिटल एसेट्स में गिफ्ट देने पर इनकम टैक्स लॉ, 1961 के सेक्शन 56(2)(X) के मुताबिक ही टैक्स लगेगा.बता दें कि इस सेक्शन के मुताबिक़ गिफ्ट में दी गई 50,000 से ज्यादा की धनराशि, ज्वेलरी, शेयर्स, पेंटिंग, या कोई भी अचल संपत्ति जिसकी स्टाम्प ड्यूटी 50,000 से ज्यादा हो उस पर टैक्स देना होता है. हालांकि सगे संबंधियों, किसी लोकल अथॉरिटी, किसी ट्रस्ट या हॉस्पिटल वगैरह की तरफ़ से मिला गिफ्ट इस दायरे से बाहर रहता है.
बजट पेश करने के बाद फाइनेंस मिनिस्टर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. और क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कहा कि क्रिप्टोकरेंसी से जो इनकम होती है, हमने उस पर 30% टैक्स लगाया है क्योंकि ये एक तरह का एसेट है. जहां तक डिजिटल करेंसी की बात है, वो RBI जारी करेगी.