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डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगा RBI, खबर पढ़ने से पहले कुर्सी खोजकर बैठ जाएं

करेंसी तो आएगी पर साथ में है एक बड़ा शॉकर!

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वित्त मंत्री का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी पर पॉलिसी बनाने के लिए हितधारकों और एक्सपर्ट्स से बात की जा रही है. (फोटो: आजतक)
सरकार ने डिजिटल करेंसी लॉन्च करने का ऐलान कर दिया है. बजट 2022 की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि RBI इस साल डिजिटल करेंसी शुरू करेगी. इसे डिजिटल रुपया नाम दिया जाएगा. संभावना जताई जा रही थी कि ये डिजिटल करेंसी क्रिप्टो करेंसी जैसी ही होगी, हालांकि वित्त मंत्री ने ये साफ कह दिया है कि कोई भी चीज़ जो क्रिप्टो है, वो करेंसी नहीं हो सकती है. बजट भाषण में वित्त मंत्री ने बताया कि प्राइवेट डिजिटल करेंसी टैक्स के दायरे में होगी और इससे होने वाली कमाई पर 30 प्रतिशत का भारी टैक्स देना होगा. ये पहली बार है जब भारत सरकार ने वर्जुअल करेंसी पर टैक्स का ऐलान किया है. Union Budget 2022 Lallantop वित्त मंत्री ने क्या कहा? वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने चौथे बजट भाषण में कहा,
“2022-23 से देश की सेंट्रल बैंक RBI द्वारा डिजिटल इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल करेंसी जारी की जाएगी. डिजिटल करेंसी लाने से सस्ता और इफेक्टिव करेंसी मैनेजमेंट सिस्टम बनेगा. इस सरकारी डिजिटल करेंसी का नाम ‘डिजिटल रुपया’ होगा. डिजिटल रुपया ब्लॉकचेन और दूसरी टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा.”
डिजिटल एसेट्स को लेकर जो तीन ख़ास बातें वित्तमंत्री ने कहीं उन्हें संक्षिप्त में जान लेते हैं.
# RBI ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर बेस्ड डिजिटल करेंसी लाएगी. # प्राइवेट डिजिटल करेंसी के एक्सचेंज से होने वाले फायदे पर 30% का फ्लैट टैक्स लगेगा. इन्वेस्टर्स को घाटे पर कोई समायोजन नहीं दिया जाएगा. #डिजिटल एसेट्स के माध्यम से पेमेंट करने पर 1% TDS लिया जाएगा. # कॉस्ट ऑफ़ एक्वीजीशन यानी एसेट्स खरीदने में आने वाले खर्च के अलावा एक्स्पेंसेज़ पर कोई कटौती नहीं की जाएगी. #डिजिटल एसेट्स में गिफ्ट देने पर इनकम टैक्स लॉ, 1961 के सेक्शन 56(2)(X) के मुताबिक ही टैक्स लगेगा.
बता दें कि इस सेक्शन के मुताबिक़ गिफ्ट में दी गई 50,000 से ज्यादा की धनराशि, ज्वेलरी, शेयर्स, पेंटिंग, या कोई भी अचल संपत्ति जिसकी स्टाम्प ड्यूटी 50,000 से ज्यादा हो उस पर टैक्स देना होता है. हालांकि सगे संबंधियों, किसी लोकल अथॉरिटी, किसी ट्रस्ट या हॉस्पिटल वगैरह की तरफ़ से मिला गिफ्ट इस दायरे से बाहर रहता है.

बजट पेश करने के बाद फाइनेंस मिनिस्टर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया. और क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कहा कि क्रिप्टोकरेंसी से जो इनकम होती है, हमने उस पर 30% टैक्स लगाया है क्योंकि ये एक तरह का एसेट है. जहां तक डिजिटल करेंसी की बात है, वो RBI जारी करेगी.

आगे कहा कि हम हर ट्रांजैक्शन पर 1% टीडीएस लगाकर हर लेन-देन पर नज़र रख रहे हैं. फ़िलहाल क्रिप्टो और क्रिप्टो एसेट्स क्या हैं, इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है, इस पर विचार-विमर्श किया जाएगा.

कुल मिलाकर इन प्रस्तावों के साथ ही देश में रेग्युलेटेड डिजिटल करेंसी का रास्ता साफ हो गया है. जानकार इसे दो नजरियों से देख रहे हैं, एक तरफ़ सरकार अपनी डिजिटल करेंसी लाकर इस मार्केट में कदम रखना चाह रही है, दूसरी तरफ़ प्राइवेट डिजिटल एसेट्स पर 30% का बड़ा फ्लैट टैक्स लाकर मार्केट रेगुलेशन भी सख्त करना चाह रही है.