रीफ मतलब होता है चट्टान. जो चट्टानें समन्दर के किनारे होती हैं. उनको नेचुरल रीफ कहा जाता है. छोटी मछलियां, एल्गी, फंगस और कई तरह के छोटे समुद्री जीव इन चट्टानों से चिपक कर रहते हैं. जैसे ऑस्ट्रेलिया में कोरल रीफ है. द ग्रेट बैरिएर रीफ.टर्की और ग्रीस के बीच में ईजियन सागर है. उसके किनारे कुदादिसी शहर है. वहां के तट पर एयरबस A300 को पानी में 75 फीट नीचे उतरा गया. अप्रैल 2016 में इसको इस्तांबुल से आज्दुन लाया गया था. इसका साइज़ है 177 फीट लम्बा और चौड़ाई 144 फीट विंग से विंग तक है. इस्तांबुल में इसको छोटे हिस्सों में तोड़ा गया. फिर ट्रक पर लाद कर समन्दर किनारे लाया गया.
वहां चट्टानों पर मूंगे पाए जाते हैं. छोटी मछलियां रीफ के नीचे छुपकर रह सकती हैं. यहां वो बड़ मछलियों से बच जाती हैं. इससे उनका नंबर कम होने से बच जाता है.
समन्दर में अगर शॉपिंग कार्ट, टायर या कोई डिब्बा डाला जाए. जिससे छोटे वाले समुद्री जीव चिपक कर रह सकें. वो आर्टीफिशियल रीफ होती है. इन रीफ्स पर मछलियां पाली भी जाती हैं. इसको एक्वाकल्चर कहा जाता है. ये जगहें टूरिस्ट्स को भी बहुत आकर्षित करती हैं.
समन्दर में इसको डुबोने में दो से ढाई घंटे लगे. सैकड़ों लोग आये थे. दुर्गा पूजा और गणेशोत्सव के बाद होने वाले विसर्जन जैसा माहौल था. ढेर सारे लोग एक भारी भरकम प्लेन को पानी के नीचे उतारने में लगे थे.आज्दुन एरिया के मेयर Ozlem Cercioglu
वीकेंड होने की वजह से इतनी भीड़ इकट्ठी हो गयी थी. लोग हल्ला मचा रहे थे. चियर कर रहे थे. बिगुल बजा रहे थे. A300 की नई जिंदगी के लिए लोग उसे शुभकामनाएं देने आए थे. लोग तब तक चीयर करते रहे जब तक जेट की नाक पानी में डूब नहीं गयी. टर्की फोर्सेज के लोग रबर की राफ्ट पर बैठ कर इस पूरी प्रोसेस को कंट्रोल कर रहे थे.
इस पहल से बहुत खुश हैं. इस आर्टीफिशियल रीफ की वजह से अब हर साल 2,50,000 से ज्यादा टूरिस्ट आने की उम्मीद है. इससे शहर की इकॉनमी पहले से बहुत मज़बूत हो जाएगी. टूरिज्म में फायदे के साथ ही वहां के समुद्री जीवों को भी बहुत फायदा होगा. मछलियों की बहुत सारी ऐसी स्पीशीज हैं, जो सिर्फ यहीं पाई जातीं हैं. अब इन सब की हिफाज़त हो पाएगी.

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टर्की की सरकार देश में टूरिज्म बढ़ाने में जोर-शोर से जुटी हुई है. हाल फिलहाल में ही तीन प्लेन और पानी में उतारे हैं. चौथा प्लेन एयरबस A300 एक प्राइवेट कंपनी से 92,000 डॉलर में खरीदा गया है. ये अब तक का ऐसा सबसे बड़ा प्लेन है जो आर्टीफिशियल रीफ की तरह यूज़ किया जाएगा.
दुनिया भर में बहुत सारे आर्टीफिशियल रीफ्स बनाए गए हैं. ज़्यादातर पुराने हवाई जहाज़ों या नावों के हिस्से हैं. फ्लोरिडा के पास मैक्सिको की खाड़ी में USS ओरिस्कैनी नाम का एयरक्राफ्ट कैरियर है. जिसको आर्टीफिशियल रीफ बना दिया गया है. कुछ बायोलॉजिस्ट इसके विरोध में भी है. उनका कहना है, अगर बहुत सारी मछलियां इसी से चिपक जाएंगी तो अपने नेचर के घर से कट जाएंगी.जैसन डीकैरेस टेलर एक मूर्तिकार है. उसने मूर्तियां बनायीं हैं. ईको फ्रेंडली. ताकि एल्गी, फंगस उसपर उग सके. अपना घर बना सकें. मछलियों की सेहत को भी नुकसान ना हो. मछलियां शिकारियों से छुप कर वहां रह सकें. उसकी सबसे फेमस कलाकृति है 'द साइलेंट एवोल्यूशन'. इसमें 450 अलग-अलग तरह की मूर्तियां मैक्सिको के तटों पर लगी हुई हैं. ये एक अच्छा बदलाव है. नेचर के लिए भी. और सैलानियों के लिए भी.
फिलहाल कुदादिसी शहर के लोग अपने नए पिकनिक स्पॉट को लेकर बहुत खुश हैं.
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