जगमीत सिंह, न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के मुखिया हैं, और पीएम ट्रूडो की सरकार उनकी पार्टी के समर्थन से ही चल रही है. जब ट्रूडो ने भारत सरकार पर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोप लगाए तो सबसे आगे जगमीत सिंह ही खड़े थे, वो पहले भी निज्जर की हत्या में भारत का हाथ होने की बात कह चुके हैं.
खालिस्तान पर ट्रूडो का सबसे बड़ा समर्थक उनके खिलाफ क्यों बोलने लगा?
जगमीत सिंह की मदद से ही ट्रूडो की सरकार चल रही है.

पर ट्रूडो के बड़े समर्थक माने जाने वाले जगमीत ने अब उनके ख़िलाफ़ ही मोर्चा खोल दिया है, उन्होंने कनाडा में चल रहे हाउसिंग क्राइसिस के लिए ट्रूडो को ज़िम्मेदार बताया है, और कहा है कि सरकार हो या विपक्ष कोई भी बदलाव नहीं लाना चाहता.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफोर्म X पर लिखा,
‘हम सब मिलकर यथास्थिति को चुनौती दे सकते हैं. जस्टिन ट्रूडो या पियरे पॉलिवर को बदलाव लाने में कोई दिलचस्पी नहीं है. उन्हें पूंजीपतियों से मोटा चंदा मिल रहे है, जो बदलाव के खिलाफ हैं. मुझे पूंजीपतियों का समर्थन नहीं मिला हुआ है. मैं आपके लिए लड़ रहा हूं.’
उन्होंने अपने X अकाउंट से वीडियो भी शेयर किया है जिसमें वो युवाओं को संबोधित कर रहे हैं. वो कहते हैं,
‘युवाओं को ये धरती और देश विरासत में मिलने वाला है, इसलिए वो मायने रखते हैं. आपकी आवाज़ न केवल भविष्य बल्कि आज के लिए भी मायने रखती है. और हमें इस बात को गंभीरता से लेने की ज़रूरत है. इसलिए मैं युवाओं के साथ जुड़कर उन्हें उम्मीद देना चाहता हूं.’
उन्होंने कनाडा के हाउसिंग क्राइसिस माने आवास संकट पर भी गहरी चिंता व्यक्त की है. कनाडा में हर साल लाखों की संख्या में लोग पढ़ने आते हैं. इनमें से बड़ी तादाद भारतीय स्टूडेंट्स की होती है. लोग तो आ जाते हैं, पर उनके रहने के लिए जगह कम पड़ जाती है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पूरे कनाडा में कम से कम 3 लाख 45 हज़ार घरों की कमी है.
कनाडा में पहले ही 9 लाख के करीब विदेशी स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं. 2023 में 5 लाख स्टूडेंट्स के आने का अनुमान लगाया गया है. इसीलिए हाउसिंग क्राइसिस और भी बढ़ने की आशंका जताई जा रही है.
हाल ही में कनाडा के एक लोकल अखबार ने एक सर्वे किया था जिसमें ट्रूडो की रेटिंग गिरी थी, ऐसे में सहयोगी जगमीत का उनके ख़िलाफ़ बोलना ट्रूडो की मुश्किल बढ़ा सकता है.
जगमीत सिंह का मुख़्तसर सा परिचय भी जान लीजिए -
जगमीत ने बायोलॉजी और लॉ की पढ़ाई की है. पॉलिटिक्स में आने से पहले वो क्रिमिनल लॉयर थे. 2011 में वो पॉलिटिक्स में आए. पहला संसदीय चुनाव हारे. मगर न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) में उसका कद बढ़ता गया. ये पार्टी 1961 में बनी थी. कभी अकेले दम पर सरकार नहीं बना पाई. 2017 में जगमीत पार्टी के मुखिया बने. साल 2013 में भारत ने उन्हें वीजा देने से मना कर दिया था, क्योंकि उनकी खालिस्तानियों के साथ हमदर्दी बढ़ रही थी. साल 2021 में कनाडा में चुनाव हुआ. NDP के खाते में 25 सीटें आईं. पार्टी चौथे नंबर पर थी. पहले नंबर पर ट्रूडो की लिबरल पार्टी थी लेकिन बहुमत नहीं था. तब जगमीत ने समर्थन दिया. सरकार बनी और अब तक उन्हीं के समर्थन से टिकी हुई है.