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क्या महाराणा प्रताप वाकई 300-400 किलो के अस्त्र-शस्त्र लेकर युद्ध लड़ते थे, जानिए सच्चाई

महाराणा प्रताप पर कही बात को लेकर मनीष सिसोदिया क्यों घिर गए?

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महाराणा प्रताप के बारे में जो बातें मनीष सिसोदिया ने लिखीं, वो काल्पनिक हैं. वास्तविकता से कोई संबंध नहीं. (फोटो-PTI/विकीपीडिया0

राजस्थान के उदयपुर से 40 किलोमीटर दूर हल्दीघाटी का मैदान ऐतिहासिक युद्ध के लिए जाना जाता है. ये युद्ध मेवाड़ के शूरवीर महाराणा प्रताप और बादशाह अकबर के बीच हुआ था. इतिहास के पन्नों में इस युद्ध से जुड़े कई पहलू मिलते हैं. मगर आज बात युद्ध में जीत-हार की नहीं बल्कि महाराणा प्रताप की तलवार और उनके कवच पर हो रही है. सोशल मीडिया पर महाराणा की तलवार के वज़न को लेकर खूब बहस छिड़ी है.

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दरअसल, 9 मई रविवार को महाराणा प्रताप की जयंती थी. उनको याद करते हुए फेसबुक पर एक पोस्ट धड़ल्ले से शेयर किया जा रहा है. पहले आप ये पोस्ट देखिए.

इसमें लिखा था,

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महाराणा प्रताप भारत के सबसे महान योद्धा में से एक थे. उनका कद 7 फीट 5 इंच था, वह 80 किलो का भाला, 208 किलो की दो तलवारे और 72 किलो के कवच के साथ युद्ध लड़ते थे. आज महाराणा प्रताप जी की जयंती है.

ऐसी ही कुछ जानकारी आपको गूगल पर भी मिलेगी. कुछ न्यूज़ वेबसाइट पर भी आपको महाराणा प्रताप की तलवार और कवच के बारे में ऐसी जानकारी सुनने और पढ़ने को मिलेगी. मगर अब बहस इस बात पर है कि क्या सच में इतना वज़न उठाकर कोई युद्ध कर सकता है? कई लोग इस जानकारी को फेक बता रहे हैं. कईयों का कहना है कि गुणगान करने में लोग प्रकृति के गुरुत्वाकर्षण नियम को भूल गए.

वहीं एक तस्वीर और वायरल हो रही है. जो चित्तौड़गढ़ म्यूज़ियम की बताई जा रही है. इसमें महाराणा प्रताप की तलवार और अस्त्र-शस्त्र का वज़न लिखा है. उस फोटो में लिखा है,

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यहां प्रदर्शित महाराणा प्रताप प्रथम (1572-1597ईस्वी) के कवच सहित निजी अस्त्र-शस्त्रों का कुल वज़न 35 किलोग्राम है.

लोग क्या कह रहे हैं?

महाराणा प्रताप की तलवार को लेकर बहुत से लोग बहुत कुछ कह रहे हैं. एक बंदे ने लिखा,

राणा प्रताप की बहादुरी का गुणगान करते करते लोग विज्ञान और गुरुत्वाकर्षण भी भूल जाते हैं. जिस के चलते राणा की बहादुरी भी लोगों में मजाक का विषय बन गई थी. इसी बेइज्जती से तंग आ कर राणा प्रताप के उदयपुर और हल्दीघाटी के बलीचा म्यूजियम ने बाहर एक पट्टिका लगाई है, जिसमें उनके शस्त्रों का सही वजह एकदम साफ साफ लिख दिया गया है. जो कि कुल 35 किलो ही था. ना कि 6 या 8 कुंतल. महाराणा प्रताप की 11 रानियां थीं और 16 बच्चे, जिनमें अधिकतर मुगलों के ही पास चले गए.

तो क्या महाराणा बहादुर नहीं थे?

इसका जवाब होगा कि सिर्फ 27 की उम्र में राणा ने मुगलों से हाथ मिलाने से इंकार कर दिया और सम्राट अकबर के खिलाफ जंग लड़ी थी. यानी महाराणा बहादुर तो थे इसमें कोई शक नहीं है. पर ये भी सच है कि जंग ना तो राणा ने जीती, ना ही अकबर ने. मगर महाराणा की बहादुरी के नाम पर झूठी और फर्जी गप्पें मार के उनकी बहादुरी का मजाक खूब उड़वाया जाता है.

वजन वाली बात उड़ी कहां से?

दरअसल, आप के नेता और दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने महाराणा प्रताप की जयंती पर पोस्ट किया था. फेसबुक पर. इसमें उन्होंने एक फोटो अटैच की थी, जिसमें महाराणा प्रताप के जन्म की तारीख, कद-काठी की लंबाई-चौड़ाई, उनके भाले का वजन, छाती का कवच और दो तलवार का भार लिखा हुआ था. आप नीचे पोस्ट में भी देख सकते हैं.

अब इसी पोस्ट के बाद लोगों ने अलग-अलग दावों के साथ कमेंट सेक्शन पाट दिया. एक यूज़र ने लिखा

सर महान आत्मा की बहुत इज्ज़त है देशभर में, परंतु इधर थोड़ा ज्यादा कर दिए श्रीमान, संग्रहालय भी थोड़ा टहल आते वहां लिखा हुआ है तथ्य आधारित. हमें कोई ज़रूरत नही इनकी महानता को नईं ऊंचाई देने के लिए झूठ का सहारा लेने की, उनका संघर्ष अपने आप में महान बनाता है उन्हें.

वहीं दूसरे ने लिखा-

लेकिन उदयपुर संग्रहालय में रखे गए महाराणा प्रताप के सारे अस्त्र शस्त्र का वजन कुल 35 किलो ग्राम ही है. फिर ये 208 किलो कहा से आ गया?

भाले का भार 81 किलोग्राम, कवच का भार 72 किलोग्राम, ढाल और तलवार का भार 208 किलोग्राम. कुल भार 361 किलोग्राम, एक मनुष्य अपने शारिरिक भार का केवल आधा ही भार उठाकर चल सकता हैं, तो प्रताप का भार लगभग 722 किलोग्राम अथवा सवा सात क्विंटल के आसपास था. धन्य हैं वो घोड़ा जो 10 (722 + 361 किलो) क्विंटल भार ढोता था। मेरी रुचि राजपूतों अथवा मुगलों में नहीं, बल्कि उस घोड़े में है. अश्वशक्ति यशोबल. 

एक यूजर ने व्यंग करते हुए लिखा

अब किसकी बात सही? इस बारे में पता लगाने के लिए हमने सीधे उदयपुर संग्रहालय के प्रशासनिक अधिकारी भूपेंद्र सिंह आउवा (Bhupendra Singh Auwa) से बात की. उन्होंने बताया

महाराणा प्रताप कोई विशालकाय मानुष नहीं थे. उनका कद करीब पांच फीट सात इंच रहा होगा. उनके भाले, ढाल, तलवार, छाती के कवच का भार कोई उतना नहीं, जितना लोग दावा कर रहे हैं. हमने 2003 में ये संग्रहालय तैयार किया था. और महाराणा प्रताप के इन सारे सामानों का हमने वजन करवाया था. फिर संग्रहालय में रखा था. साथ ही बोर्ड में बाकायदा लिखवाया भी था जिससे लोगों को जानकारी रहे कि सबका वजन कुल मिलाकर 35 किलोग्राम है. लेकिन पिछले कई सालों से उनके वजन को लेकर ये अफवाह उड़ती चली आ रही है.

इसका मतलब ये कि कभी-कभी फॉर्वर्ड हो रही चीज़ों पर आंख बंद करके भरोसा करने के बजाय उन्हें क्रॉस चेक कर लेना चाहिए.

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