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संसद सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक में TMC ने महुआ मोइत्रा पर क्या मांग की?

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने महुआ मोइत्रा को लेकर लोकसभा स्पीकर को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने कहा कि 'संसद से सस्पेंड किया जाना' बहुत ही गंभीर सजा है.

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TMC सांसद पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगा है (तस्वीर साभार- इंडिया टुडे)

संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament winter session) के पहले 2 दिसंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई. इस मीटिंग में तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने सांसद मोइत्रा पर पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोपों के संबंध में चर्चा कराने की मांग की है. मीटिंग में पार्टी ने ये भी कहा कि एथिक्स कमिटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए था.

आगामी 4 दिसंबर से 22 दिसंबर तक संसद का शीतकालीन सत्र चलने वाला है. इसको लेकर केंद्र सरकार ने सभी पार्टियों की एक बैठक बुलाई थी. इंडिया टुडे से जुड़े सूर्याग्नि रॉय की रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में TMC सांसद सुदीप बंदोपाध्याय और डेरेक ओ ब्रायन ने ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में चर्चा की मांग की. उन्होंने कहा कि वे मीडिया रिपोर्ट्स में देख रहे हैं कि उनकी पार्टी की एक सदस्य जल्द ही सस्पेंड होने वाली हैं. इस मुद्दे पर सदन में चर्चा होनी चाहिए. चर्चा के बाद ही सदन को अपना निर्णय लेने का अधिकार है.

दरअसल, संसद की एथिक्स कमिटी महुआ मोइत्रा पर लगे आरोपों की जांच कर चुकी है. अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने की सिफारिश की थी.

बंदोपाध्याय ने आगे कहा कि वे चाहते हैं कि संसद चले ताकि सरकार को जवाबदेह ठहराया जा सके. सरकार को पहले की तरह भागना नहीं चाहिए.

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रिपोर्ट के मुताबिक, TMC की तरफ से इसके अलावा कई और मांगे रखी गईं. जैसे आपराधिक कानूनों में बदलाव के लिए लाए जा रहे तीन विधयेकों पारित नहीं करवाने की मांग. इसके अलावा मनरेगा, हेल्थ फंड, बेरोजगारी और महंगाई जैसे विषयों पर विपक्ष को बोलने के लिए समय देने की मांग की गई है.

इस सत्र में भारतीय न्याय संहिता, 2023 (IPC-1860 में बदलाव के लिए), भारतीय नागरिक संहिता, 2023 (CrPC 1898 में बदलाव के लिए) और भारतीय साक्ष्य विधेयक, 2023 (इंडियन एविडेंस एक्ट, 1872 में बदलाव के लिए) पर चर्चा कराए जाने की संभावना है. इसके अलावा मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित बिल भी पेंडिंग है. सरकार ने मानसून सत्र के दौरान इस विधेयक को पेश किया था.

लोकसभा स्पीकर को लिखी चिट्ठी

इस बीच, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने भी लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को महुआ मोइत्रा के संबंध में पत्र लिखा है. उन्होंने ‘कैश-फॉर-क्वेरी’ मामले में नियमों की फिर से उचित समीक्षा करने की मांग की है. उन्होंने एथिक्स कमिटी की रिपोर्ट पर भी सवाल उठाया है. चौधरी ने कहा कि 'संसद से सस्पेंड किया जाना' बहुत ही गंभीर सजा है. इसका बहुत ही व्यापक प्रभाव पड़ता है.

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