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अब 24 घंटे तिरंगा फहराओ, लेकिन इन नियमों को भूलकर भी इग्नोर मत करना

भारतीय झंडा संहिता में राष्ट्रीय ध्वज फहराने से जुड़े सभी नियमों के बारे में बताया गया है.

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हर घर तिरंगा अभियान के तहत 20 करोड़ घरों में तिरंगा फहराने की योजना है. (फाइल फोटो- पीटीआई)

अब राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को 24 घंटे फहराया जा सकता है. पहले ऐसा करने की अनुमति नहीं थी. पहले सिर्फ दिन के समय ही यानी सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही तिरंगा फहराया जा सकता था. लेकिन मौजूदा सरकार ने फ्लैग कोड ऑफ इंडिया (भारतीय झंडा संहिता) में बदलाव किए हैं. ये बदलाव 13 से 15 अगस्त तक चलने वाले 'हर घर तिरंगा' अभियान को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं. इस अभियान के तहत देशभर में 20 करोड़ घरों में तिरंगा फहराने की योजना है. तो चलिए आज जान लेते हैं कि झंडा फहराते समय किन बातों का ध्यान रखना होता है.

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बता दें कि भारतीय झंडा संहिता को 26 जनवरी, 2002 से लागू किया गया है. इसमें राष्ट्रीय ध्वज फहराने से जुड़े सभी नियमों, रिवाज़ों, औपचारिकताओं और निर्देशों के बारे में बताया गया है. 

झंडा फहराते समय ध्यान रखी जाने वाली बातें

# झंडा फहराने के लिए उचित आकार (3:2 का अनुपात) के झंडे का चुनाव किया जाना चाहिए. झंडा संहिता में तिरंगे के अलग-अलग आकार की जानकारी दी गई है जिसे आप नीचे देख सकते हैं.

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फोटो सोर्स- gad.rajasthan.gov.in

 

# किसी व्यक्ति या वस्तु को सलामी देने के लिए झंडे को झुकाया नहीं जाना चाहिए.

# झंडे को आधा झुका कर नहीं फहराया जाना चाहिए, सिवाय तब, जब सरकारी भवनों पर झंडे को आधा झुका कर फहराने के आदेश जारी किए गए हों.

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# किसी प्रतिमा के अनावरण पर झंडे को सम्मान के साथ अलग से रखा जाना चाहिए.

# झंडे की केसरिया पट्टी को नीचे करके नहीं फहराया जाना चाहिए. तिरंगा इस तरीके से फहराया जाना चाहिए कि सबसे ऊपर केसरिया पट्टी और सबसे नीचे हरी पट्टी रहे.

# जब कभी राष्ट्रीय झंडा फहराया जाए, तो उसे सम्मानजनक तरीके से फहराया जाना चाहिए. मतलब फटा हुआ या मैला-कुचैला झंडा नहीं फहराया जाना चाहिए.

# झंडे को जमीन या फर्श को छूने या पानी में घिसटने नहीं देना चाहिए.

# झंडे को इस तरह से फहराया या बांधा नहीं जाना चाहिए जिससे कि उसे क्षति पहुंचे.

# किसी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय झंडे से ऊंचा या उससे ऊपर या उसके बराबर में नहीं लगाना चाहिए.

# फूल, माला, प्रतीक या कोई दूसरी कोई चीज झंडे के डंडे के ऊपर नहीं होनी चाहिए.

बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार ने बीती 20 जुलाई को भारत के ध्वज संहिता में संशोधन किया था. इसके तहत राष्ट्रीय ध्वज को दिन और रात दोनों समय फहराये जाने की मंजूरी दी गई. इससे पहले 30 दिसंबर, 2021 के एक संशोधन में सरकार ने मशीन से बने और पॉलिएस्टर के झंडे के इस्तेमाल की अनुमति दी थी. पहले इस तरह के झंडे के इस्तेमाल की अनुमति नहीं थी.

वीडियो- जम्मू-कश्मीर में ‘हर घर तिरंगा’ के लिए लोगों से 20 रुपये मांगे गए, कार्रवाई की चेतावनी भी दी

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