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'जालोर के स्कूल में मटका नहीं मिला', जांच के बाद ADG का दावा

बच्चे के परिवार ने आरोप लगाया था कि टीचर के मटके से पानी पीने पर बच्चे की पिटाई की गई जिससे उसकी मौत हो गई.

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Jalore के स्कूल में पिटाई के बाद बच्चे की तस्वीर और ADG रवि प्रकाश. (आजतक)

राजस्थान के जालोर में दलित छात्र की मौत के मामले में पुलिस ने नया खुलासा किया है. राजस्थान पुलिस के ADG क्राइम, रवि प्रकाश ने सरकार को एक रिपोर्ट भेजी है जिसमें ये कहा गया है कि स्कूल में कोई मटका रखा ही नहीं था. हालांकि ADG की रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि जिस कमरे में आरोपी टीचर बैठता था वहां मिट्टी का बर्तन रखने की जगह जरूर बनी है. 

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दरअसल, राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने ADG क्राइम को स्कूल में जाकर इस मामले की जांच करने का आदेश दिया था. ADG ने स्कूल में जाकर जांच की. आजतक से बात करते हुए ADG प्रकाश ने बताया कि स्कूल में मटका नहीं था. उन्होंने कहा, 

स्कूल के जिस कमरे में टीचर छैल सिंह रहता था, वहां मटका रखने की जगह है. हालांकि, बच्चे जाते थे या नहीं, इस बारे में जांच की जा रही है. स्टाफ और बच्चों का कहना था कि स्कूल में अलग से पानी रखने की कोई व्यवस्था नहीं थी. वे सभी लोग बाहर कैंपस में टंकी से पानी पीते थे. अब पुलिस ये पता कर रही है कि स्टाफ अपने लिए अलग से पानी स्टोर करके तो नहीं रखता था?

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मटके को लेकर पहले भी खुलासा हुआ था

इस मामले में पहले भी यही बात सामने आई थी. आजतक की ग्राउंड रिपोर्ट में भी कहा गया था कि, सरस्वती विद्या मंदिर उच्च प्राथमिक विद्यालय स्कूल में कोई मटका नहीं है. स्कूल के शिक्षकों, बच्चों, बच्चों के अभिभावकों और ग्रामीणों से बातचीत पर पता चला था कि स्कूल या गांव में कोई भेदभाव नहीं होता और वहां एक कॉमन पानी की टंकी है, जिससे सभी लोग पानी पीते हैं.

साथ ही ग्रामीणों और स्कूल स्टाफ का कहा था कि गांव के लोग और स्कूल के स्टाफ किसी तरह से जातिगत भेदभाव नहीं करते, स्कूल में आधे से ज्यादा एससी-एसटी वर्ग के बच्चे हैं और आधे शिक्षक भी इसी वर्ग से हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि मटकी और छुआछूत के भेदभाव को लेकर कहीं जाने वाली बातें निराधार है और गांव को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.

स्कूल प्रशासन ने भी ये बात कही है कि बच्चों की आपसी मारपीट के बाद शिक्षक छैल सिंह ने दोनों बच्चों को थप्पड़ मारा था.

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बच्चे के परिजनों ने क्या कहा?

मृतक के भाई ने आज तक से बातचीत में ये आरोप लगाए थे कि उस दिन इंद्र ने मटका को हाथ लगा दिया था जिसके बाद टीचर छैल सिंह ने मेरे भाई की पिटाई कर दी. उसके बाद कान से खून आ गया था.

परिवार के अन्य सदस्यों का कहना है कि हम इस मामले में न्याय चाहते हैं. परिवार भी स्कूल में कथित रूप से रखी मटका से पानी पीने पर पिटाई की बात कर रहा है

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