अखिलेश यादव ने नोएडा-मेरठ एक्सप्रेसवे के उद्घाटन में न जाने का फैसला लिया है. उद्घाटन करने वाले हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. अगर उद्घाटन का वेन्यू नोएडा न होता तो हो सकता था देश के PM और UP के CM का मिलन. क्या है कि नोएडा शहर और उत्तर प्रदेश के किसी भी CM की आज तक बनी नहीं. जो जो इस शहर में आया, उसकी कुर्सी छिन गई. इसलिए नोएडा अखिलेश के लिए बन गया नसुड्डा. क्यों है नोएडा अपशकुनी:
1988: CM वीर बहादुर सिंह ने नोएडा का दौरा किया. कुछ दिनों बाद चली गई कुर्सी.
1989: ND तिवारी का पत्ता कटा
1995: इस बार थी पप्पा मुलायम सिंह यादव की बारी
1997: मायावती आयीं नोएडा. गिर गया साम्राज्य.
1999: कल्याण सिंह का नंबर लग गया
2011: अक्टूबर में नोएडा में एक स्कूल का उद्घाटन करने आयीं मायावती. 2012 में चुनाव हार गईं.
पापा दूध से जले तो बेटा छाछ फूंक-फूंक कर पीने लगा. अगस्त 2012 में अखिलेश यादव ने लखनऊ में बैठे-बैठे ही यमुना एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया. उसके अगले साल भी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का उद्घाटन घर से ही किया.

इस बार भी अखिलेश यादव घर में मूंगफली खाएंगे. और उद्घाटन के लिए जाएंगे पंचायती राज मिनिस्टर कैलाश यादव.