खतीजा रहमान. पेशे से सिंगर हैं और एआर रहमान की बेटी हैं. खतीजा पहली बार फरवरी, 2019 में खबरों में आई थीं. 'स्लमडॉग मिलियनेयर' के 10 साल पूरे होने पर एक इवेंट रखा गया. इस इवेंट में रहमान की बेटी साड़ी और नकाब में नजर आई थीं. नकाब पहनने की वजह से खतीजा को काफी ट्रोल किया गया था. एआर रहमान को भी क्रूर पिता कहा गया.
क्या हुआ जब तस्लीमा नसरीन ने बुर्के में ढकी एआर रहमान की बेटी से कहा, 'तुम्हें देखकर घुटन होती है'
तसलीमा ने खतीजा की बुर्के वाली फोटो ट्वीट करके लिखा, 'घुटन होती है.'

इस बार महिला अधिकारों पर लिखने वाली तस्लीमा नसरीन ने खतीजा की बुर्के में एक फोटो शेयर की. इसके साथ उन्होंने लिखा,
मैं एआर रहमान का म्यूजिक बेहद पसंद करती हूं, लेकिन जब भी मैं उनकी प्यारी बेटी को देखती हूं, तो मुझे घुटन महसूस होती है. ये देखना बहुत डिप्रेसिव होता है कि कल्चरल परिवारों में भी पढ़ी-लिखी लड़कियों का आसानी से ब्रेनवॉश कर दिया जाता है.
केवल एक साल ही हुआ है और यह टॉपिक एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया. यूं तो देश में बहुत कुछ हो रहा है और लोग इस बात से चिंतित हैं कि महिला पोशाक में क्या पहनना चाहती है. मैं काफी हैरान हूं. मैं जीवन में अपने द्वारा चुनी गई चीजों और विकल्पों पर पछतावा नहीं करूंगी. मैं बहुत खुश हूं और मुझे इस बात का गर्व है कि मैं क्या करती हूं और उन लोगों का धन्यवाद, जिन्होंने मुझे इस तरह स्वीकार किया. ये मुद्दा हर बार मेरे अंदर गुस्सा पैदा कर देता है. मैं जीवन में अपने द्वारा चुनी गई चीजों और विकल्पों पर पछतावा नहीं करूंगी. मैं बहुत खुश हूं और मुझे इस बात का गर्व है कि मैं क्या करती हूं और उन लोगों का धन्यवाद, जिन्होंने मुझे इस तरह स्वीकार किया. मेरा काम बोलेगा. अल्लाह की इच्छा है. इससे ज्यादा मैं और कुछ कहने की इच्छा नहीं रखती हूं. प्रिय तस्लीमा नसरीन, मुझे दुख है कि आपको मेरे पहनावे से घुटन होती है. कृप्या ताजी हवा में सांस लें, क्योंकि मुझे इस चीज को लेकर कोई घुटन नहीं होती है और बल्कि मुझे इस बात पर बहुत गर्व है. मैं आपको सलाह देती हूं कि गूगल करें कि असल में फेमिनिज्म का क्या अर्थ है. क्योंकि इसका अर्थ दूसरी महिलाओं को नीचा दिखाना नहीं है और न ही किसी के पिता को मुद्दे में लाना है. मुझे ये भी याद नहीं है कि मैंने मेरी तस्वीरें आपको कब भेजी हैं.
खतीजा का जवाब आने के बाद ये मामला यहीं खत्म नहीं हुआ है. इसके बाद तस्लीमा कई ट्वीट कर चुकी हैं. एक ट्वीट में उन्होंने लिखा,
बुर्के वाली सशक्त हैं. युद्ध शांति है. आजादी गुलामी है. अज्ञानता शक्ति है.
इसके बाद उन्होंने एक और ट्वीट किया,
सभी बुर्के वाली कहां हैं? ये पता है कि वो आपको बुर्का पहनने के लिए क्यों कहते हैं? क्योंकि महिलाओं को देखते ही पुरुष कामुक महसूस करने लगते हैं. इसका मतलब महिलाएं कुछ नहीं हैं, सिवाय एक सेक्स ऑब्जेक्ट के. बुर्का संयम रखवाने के लिए एक बेल्ट है.
अगर तुम इस्लाम फॉलो करना चाहती हो, तो उसे पूरे तरीके से फॉलो करो. इस्लाम में म्यूजिक, सिंगिग, डांसिग की मनाही है. ये सब बंद कर दो. इस्लाम इंसानों की तस्वीरों की ड्रॉइंग के लिए मना करता है. इंसानों की ड्रॉइंग, पेंटिंग, फोटोग्राफी करना बंद कर दो. सिंपल.
तस्वीमा ने लेटेस्ट ट्वीट में खतीजा को टैग करके लिखा है,
डियर खतीजा, अगर तुम गूगल करोगी, तो चार दशकों से महिलाओं के अधिकारों के लिए मेरे संघर्ष की कहानियां तुम्हें मिल जाएगी. तुम भी गूगल कर सकती हो और उन्हें सुन पढ़ सकती हो.
फिलहाल खतीजा का इसपर कोई जवाब सामने नहीं आया है.
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