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'थप्पड़' को 'कबीर सिंह' का जवाब कहे जाने पर तापसी पन्नू क्या बोलीं?

दोनों ही फिल्मों में हीरो-हीरोइन को थप्पड़ मारता है, लेकिन परिणाम बिल्कुल अलग होते हैं.

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'कबीर सिंह' तेलुगु फिल्म 'अर्जुन रेड्डी' की रीमेक थी. जबकि 'थप्पड़' हिंदी भाषा की फिल्म है. (तस्वीर सोर्स- यूट्यूब)

तापसी पन्नू की अपकमिंग फिल्म 'थप्पड़' के ट्रेलर को सोशल मीडिया पर जबरदस्त रिएक्शन मिल रहा है. ये ट्रेलर 30 जनवरी को रिलीज हुआ था. जिसे अभी तक 1 करोड़, 19 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. अनुभव सिन्हा की इस फिल्म को लोग संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म 'कबीर सिंह' का जवाब बता रहे हैं. एक इंटरव्यू में तापसी से भी यही सवाल पूछा गया. जवाब में उन्होंने कहा,

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ऐसा नहीं है कि हमने 'कबीर सिंह' को ध्यान में रखकर 'थप्पड़' बनाई है. मुझे यह सुनकर दुख हुआ कि लोग कह रहे हैं कि हमने किसी फिल्म को जवाब देने के लिए फिल्म बनाई है. यह फिल्म 'कबीर सिंह' की रिलीज से पहले ही लिख ली गई थी. मैं मानती हूं कि थप्पड़ सिर्फ एक ट्रिगर है, लेकिन इस फिल्म में ऐसी कई चीज़ें नजर आएंगी, जो किसी रिश्ते में होती है.

'कबीर सिंह' के अलावा ऐसी हजारों फिल्में हैं, जिनमें हीरोइन हीरो से थप्पड़ खाती है. इसमें क्या नया है? 'कबीर सिंह' इस लिस्ट में नई थी, इसलिए लोगों को ऐसा लग रहा है. 'थप्पड़' को 'कबीर सिंह' का जवाब बताना इसका महत्व कम करना है, क्योंकि फिल्म इससे बहुत ऊपर है.

मुझे लगता है कि लोग जब फिल्म देखने जाते हैं, तो उन्हें अपना दिमाग घर रखकर नहीं जाना चाहिए. 'कबीर सिंह' ने अच्छी कमाई की थी, और इसके लिए मैं फिल्म के मेकर्स को बधाई देती हूं. लेकिन मुझे अगर इस तरह की फिल्म ऑफर की जाती, तो मैं इसमें कभी काम नहीं करती.

दो फिल्में और एक थप्पड़

शाहिद कपूर और कियारा आडवाणी की फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर खूब कमाई की थी. लेकिन हिंसा और मिसॉजिनी की वजह से फिल्म की काफी आलोचना हुई थी. 'कबीर सिंह' में हीरो, हीरोइन पर हावी रहता है. उससे झगड़ा, बदतमीजी करता है. यहां तक कि उसे थप्पड़ भी मार देता है. उस थप्पड़ को हीरोइन की गलती, बुरी सिचुएशन और हीरो के रीज़न की वजह से गुस्से से जस्टिफाई कर दिया जाता है.

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वहीं लगातार क्रिटिसिज्म पर संदीप रेड्डी वांगा ने आलोचना करने वालों पर ही सवाल खड़े कर दिए थे. फिल्म कंपेनियन को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था-


जब आप किसी महिला से (या कोई महिला पुरुष से) प्यार में होते हैं और ज़्यादा कनेक्टेड होते हैं, इसमें बहुत ईमानदारी होती है. अगर आप शारीरिक रूप से खुद को व्यक्त नहीं कर रहे, अगर आपके पास एक-दूसरे को थप्पड़ मारने की आज़ादी नहीं है, मुझे वहां कुछ नहीं दिखाई देता. प्रीति ने कबीर (फिल्म ‘कबीर सिंह’ के मुख्य किरदार) को बेवजह थप्पड़ मारा था, कबीर के पास कम से कम वजह तो थी. अगर आप अपनी पत्नी-गर्लफ्रेंड को जब चाहें तब थप्पड़ नहीं मार सकते, छू नहीं सकते, किस नहीं कर सकते, मुझे वहां कोई इमोशन नज़र नहीं आता. ये सच्चा प्यार नहीं हो सकता.

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थप्पड़ के ट्रेलर तापसी की मेड बताती है कि उसका पति उसे रोज पीटता है लेकिन वो घर से बाहर निकाले जाने के डर से सहती रहती है. (तस्वीर सोर्स- यूट्यूब)

सोशल मीडिया पर तुलना

संदीप की समझ और उनकी फिल्म अर्जुन रेड्डी और कबीर सिंह की कहानी से ठीक उलट है फिल्म 'थप्पड़' की कहानी. जहां हीरो की हिंसा को न तो ग्लोरीफाई और जस्टिफाई किया जाता है. न हीरोइन उस हिंसा को सहती है. पति का एक थप्पड़ उस रिश्ते को तलाक तक ले जाता है.

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दोनों फिल्मों में अहम हिस्सा थप्पड़ है, जिस वजह सोशल मीडिया पर तुलना की जा रही है.

'थप्पड़' में तापसी के पति के किरदार में पवेल गुलाटी हैं. इसके अलावा दीया मिर्ज़ा, रत्ना पाठक शाह, तन्वी आज़मी, मानव कौल और कुमुद मिश्रा जैसे एक्टर्स भी नजर आएंगे. इसे डायरेक्ट किया है अनुभव सिन्हा ने. ये फिल्म 28 फरवरी को रिलीज हो रही है.



Video : तापसी पन्नू की फिल्म के लिए डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने अपना नाम क्यूं बदल लिया?

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