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सूरत में डॉक्टर की निमोनिया से मौत, घरवालों ने सीनियर्स पर लगाए गंभीर आरोप

मृतक डॉक्टर के घरवालों का आरोप है कि सीनियर डॉक्टर्स ने बीमारी के दौरान उसका उत्पीड़न किया. डॉक्टर पोस्टग्रैजुएशन का छात्र था, इसके बावजूद भी उसे सर्जरी वॉर्ड में काम करने भेज दिया जाता था.

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सरकारी मेडिकल कॉलेज के छात्र की न्यूमोनिया से मौत। फोटो क्रेडिट - आजतक

गुजरात के सूरत में निमोनिया (Pneumonia) से हुई मौत अब विवाद की शक्ल अख्तियार करती जा रही है. 26 वर्षीय पोस्टग्रैजुएट मेडिकल छात्र की इलाज के दौरान प्राइवेट अस्पताल (Private Hospital) में मौत हो गई थी. जिसके बाद मृतक के घरवालों ने सरकारी मेडिकल कॉलेज (Goverment Medical College) के सीनियर डॉक्टर्स पर उत्पीड़न का आरोप लगाया.  मृतक डॉक्टर इसी कॉलेज में पढ़ता था. घरवालों का आरोप है कि गंभीर रूप से बीमार होने के बाद भी सीनयर डाक्टर्स ने मृतक डॉक्टर राजेन्द्र रमानी को लगातार काम दिया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़, राजेन्द्र के पिता दिनेश रमानी ने सरकारी मेडिकल कॉलेज के डीन, डॉ. निमेश वर्मा से मिलकर उन्हें सीनियर डॉक्टरों के ख़िलाफ़ कम्पलेंट लेटर दिया. उन्होंने आरोप लगाया, “ये जानते हुए भी कि उनका बेटा बीमार है और निमोनिया से जुझ रहा है, उनके बेटे से बहुत ज़्यादा काम कराया गया. डॉ. रमानी को न्यू सिविल अस्पताल के सर्जरी वार्ड में तैनात किया गया, जबकि वो पोस्टग्रैजुएशन की पढ़ाई कर रहा था.” परिवार वालों ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को भी शिकायती पत्र भेजा है.

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छात्र नवंबर के आख़िरी सप्ताह में बीमार हो गया था और उसे कुछ छुट्टियां दी गई थीं. लेकिन लगातार स्वास्थ्य बिगड़ने के बावजूद भी वो काम पर लौट आया और काम करता रहा. 31 दिसंबर को एक मरीज की देखरेख के दौरान उसे अचानक से कमजोरी महसूस हुई और वो गिर गया.

घरवालों के आरोप पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के डीन निमेश वर्मा ने जवाब दिया. जवाब देते हुए डॉ. वर्मा ने कहा,


"हमारे छात्र और डॉक्टर राजेन्द्र के मौत की घटना दुर्भाग्यपुर्ण है. हमें राजेन्द्र के पिता से सीनियर्स के ख़िलाफ़ शिकायत मिली है. घटना की जांच के लिए हमने तीन प्रोफेसरों की टीम का गठन किया है. डॉ. राजेन्द्र रमानी ने मेरे ही डिपार्टमेंट से इंटर्नशिप की है, वो एक ईमानदार छात्र था. हम इस मामले पर गंभीरता से कार्रवाई कर रहे हैं."

 

डॉ. वर्मा का कहना है कि तीनों प्रोफेसरों की टीम जो रिपोर्ट सौंपेगी, उस हिसाब से आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि मामले पर उनकी पैनी नज़र है.

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