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CBI, ED जैसी जांच एजेंसियां अब पूछताछ करते समय धमका नहीं पाएंगी!

सुप्रीम कोर्ट ने इंतजाम कर दिया है

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सुप्रीम कोर्ट ने पूछताछ करने वाली सीबीआई जैसी सभी जांच एजेंसियों के दफ्तरों में कैमरे लगाने के निर्देश दिए हैं. (सांकेतिक तस्वीर)
CBI, NIA और ED जैसी जांच एजेंसियों के इंटेरोगेशन रूम में किस तरह से आरोपियों और संदिग्धों से राज उगलवाए जाते हैं, अब ये राज नहीं रह पाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिए हैं कि सभी जांच एजेंसियों के दफ्तरों में CCTV लगाए जाएं.
सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?
'इंडिया टुडे' में छपी रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा है कि वो देखें कि उनके यहां पुलिस स्टेशनों में CCTV लगे हैं या नहीं. लगे हैं, तो चल रहे हैं या नहीं. जस्टिस आरएफ़ नरीमन, केएम जोसफ और अनिरुद्ध बोस की बेंच ने बुधवार 2 नवंबर को ये आदेश दिया.
अपने ऑर्डर में सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा,
भारत सरकार को ये निर्देश दिए जाते हैं कि वह NCB, ED, CBI, NIA, DRI, SFIO  जैसी उन जांच एजेंसियों के यहां CCTV कैमरे और रिकॉर्डिंग करने वाले उपकरण लगाएं. ये इंतजाम उन सभी जांच एजेंसियों के दफ्तरों में किया जाए, जिनके पास पूछताछ करने और अरेस्ट करने के अधिकार हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इनमें से अधिकतर एजेंसियां अपने ऑफिस में पूछताछ करती हैं. इनके यहां ऐसे में उन सभी जगहों पर CCTV लगाए जाने चाहिए. थानों की तरह यहां भी आने-जाने वाले रास्तों, गेट, लॉकअप, गलियारे, लॉबी, रिसेप्शन को CCTV से इस  तरह कवर किया जाए कि कोई भी जगह छूटे नहीं.
सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि जो CCTV लगाए जाएं, उनमें नाइट विजन और ऑडियो रिकॉर्डिंग की फैसिलिटी भी होनी चाहिए. ऐसे सिस्टम खरीदें जाएं, जिनमें अधिकतम डेटा स्टोर करने की सुविधा हो. कम से कम एक साल की रिकॉर्डिंग तो स्टोर करके रखी जानी चाहिए.
Pexels Mads Thomsen 3714318 जांच एजेंसियों के दफ्तरों में लगेंगे सीसीटीवी (सांकेतिक तस्वीर )


थानों में CCTV लगाने के आदेश पहले ही दिए थे
सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में आदेश दिए थे कि सभी पुलिस स्टेशनों में CCTV कैमरे लगवाए जाएं. ऐसा पूछताछ के दौरान और कस्टडी में होने वाले टार्चर के आरोपों की असलियत सामने आ सके और उन पर लगाम लग सके. कोर्ट ने क्राइम सीन की वीडियोग्राफी करने के भी निर्देश जारी किए थे. इसके अलावा, हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में ओवरसाइट कमिटी बनाने को भी कहा था.
इस साल सितम्बर में अदालत ने राज्य सरकारों से कहा था कि वे पता लगायें कि थानों में CCTV कैमरे कहां-कहां लगाए गए हैं. जो ओवरसाइट कमिटी बनाने का आदेश दिया गया था, उसका क्या हुआ. 24 नवंबर तक 14 राज्यों ने ही ऐसी रिपोर्ट्स दी थीं. अधिकतर ये बताने में नाकाम रहे कि थानों में CCTV कहां लगे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अब कहा है कि इन निर्देशों का पालन कर रिपोर्ट जल्द सब्मिट की जाए. अगली सुनवाई अब 27 जनवरी को होगी.

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