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'मणिपुर या कुंभ में अपना पैनल नहीं भेजा', करूर हादसे को लेकर बीजेपी पर भड़के सीएम स्टालिन

एमके स्टालिन ने कहा कि करूर में सांसदों की टीम भेजने के पीछे बीजेपी की असली मंशा तमिलनाडु की चिंता नहीं, बल्कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक फायदा उठाना है.

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विजय की रैली के दौरान की तस्वीर और मुख्यमंत्री एमके स्टालिन. (X/India Today)

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने करूर भगदड़ मामले में केंद्र की सत्ता पर काबिज़ बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि भगदड़ के बाद बीजेपी ने सांसदों की एक फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी करूर भेजी, लेकिन मणिपुर में हिंसा हो या यूपी में कुंभ मेले में भगदड़, विरोधी दल ने ऐसा कुछ नहीं किया. सीएम स्टालिन ने कहा कि जब मई 2023 में मणिपुर में हिंसा हुई थी या जनवरी में उत्तर प्रदेश में कुंभ मेले के दौरान भगदड़ में लोग मारे गए थे, तब बीजेपी ने ऐसा कोई दल नहीं भेजा था. उन्होंने आरोप लगाया कि करूर में सांसदों की टीम भेजने के पीछे बीजेपी की असली मंशा तमिलनाडु की चिंता नहीं, बल्कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक फायदा उठाना है.

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करूर भगदड़: बीजेपी पर क्यों भड़के सीएम स्टालिन?

अभिनेता और तमिलगा वेत्री कझगम (TVK) प्रमुख विजय थलापति की रैली में हुई भगदड़ में 41 लोगों की मौत पर राजनीति तेज़ हो गई है. यह हादसा पिछले हफ़्ते 27 सितंबर को तमिलनाडु के करूर में हुआ था. इस हादसे को लेकर राज्य की सत्ताधारी पार्टी डीएमके, विपक्षी बीजेपी और विजय की पार्टी टीवीके के बीच आरोप-प्रत्यारोप अब तक जारी हैं.

इसी कड़ी में मुख्यमंत्री स्टालिन ने बीजेपी पर हमला बोला है. उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर भी टिप्पणी की. स्टालिन ने सवाल उठाया कि निर्मला सीतारमण को प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के रूप में करूर क्यों भेजा गया. निर्मला सीतारमण का जन्म स्थान मदुरै है, लेकिन वह कर्नाटक से राज्यसभा सांसद हैं. यह बयान ऐसे समय आया है जब तमिलनाडु सरकार और केंद्र के बीच फंड को लेकर पहले से ही खींचतान चल रही है.

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30 सितंबर को बीजेपी का आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल करूर पहुंचा था और हादसे मारे गए लोगों के परिवारों और घायलों से मुलाकात की थी. इसका नेतृत्व अभिनेत्री और सांसद हेमा मालिनी ने किया. हेमा मालिनी ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि विजय जैसे बड़े स्टार के कार्यक्रम के लिए बहुत छोटा रास्ता दिया गया, जिससे भीड़ में अफरातफरी मच गई. उन्होंने कहा, “बहुत सी महिलाएं और लड़कियां विजय को देखने आई थीं. अगर बड़ा मैदान दिया गया होता तो यह दुखद हादसा नहीं होता. टीवीके ने पहले ही ज्यादा जगह मांगी थी, लेकिन सरकार ने नहीं दी.”

घटना के बाद डीएमके और टीवीके के बीच आरोप-प्रत्यारोप और तेज़ हो गए. डीएमके और पुलिस का कहना है कि उन्होंने कार्यक्रम से पहले आयोजकों को भीड़ को लेकर चेतावनी दी थी, लेकिन उसे अनदेखा किया गया. दूसरी ओर टीवीके का आरोप है कि डीएमके ने जानबूझकर साजिश की ताकि चुनाव से पहले टीवीके को नुकसान पहुंचाया जा सके. विजय ने भी अपनी पहली प्रतिक्रिया में स्टालिन पर “राजनीतिक बदले” की राजनीति करने का आरोप लगाया है.

टीवीके ने मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दायर की है. पार्टी ने मांग की है कि भगदड़ की जांच किसी केंद्रीय एजेंसी से कराई जाए. साथ ही कोर्ट से यह भी अनुरोध किया गया है कि अगर राज्य सरकार विजय को मृतकों के परिवारों से मिलने की अनुमति न दे, तो कोर्ट विजय की मुलाकात पर रोक न लगाए.

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वीडियो: करूर भगदड़ में 41 मौत, तमिलनाडु सरकार और विजय की पार्टी आपस में भिड़ीं

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