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श्रीलंका में ऐसा कानून बना कि एक झटके में पूर्व राष्ट्रपति का बंगला, गाड़ी, नौकर सब छीन लिए गए

श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति अब आम लोगों की तरह अपने निजी निवास पर सादा जीवन बिताएंगे. उन्हें अपना सरकारी बंगला, गाड़ी, गार्ड समेत सभी सुख सुविधाएं छोड़नी पड़ रही हैं. वह केवल पेंशन के हकदार होंगे. जानिए आखिर ऐसा क्यों हो रहा है.

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श्रीलंका में पूर्व राष्ट्रपतियों को मिलने वाली सभी सुविधाएं समाप्त कर दी गई हैं. (Photo: ITG)

श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को अपना सरकारी बंगला, गाड़ी, नौकर-चाकर और सारी सुविधाएं छोड़ कर जाना पड़ा है. देश की राजधानी कोलंबो के पॉश इलाके सिनामैन गार्डन स्थित जिस बंगले में वह पिछले 10 साल से रह रहे थे, वहां से अब उनका सामान समेटा जा रहा है.

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श्रीलंका संसद ने पास किया कानून

वहीं अन्य पूर्व राष्ट्रपति चंद्रिका कुमार तुंगा को भी दो महीने में अपना सरकारी बंगला खाली करना होगा. ऐसा इसलिए, क्योंकि श्रीलंका की संसद ने हाल ही में एक कानून पास किया है, जिसके मुताबिक देश के पूर्व राष्ट्रपतियों को अब तक मिल रहे आवास, मासिक भत्ता, सिक्योरिटी स्टाफ, वाहन, सचिवालय समेत सभी सुविधाएं समाप्त हो जाएंगी.

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श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे का आवास. (Photo: X/@PresRajapaksa) 

आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक Presidents' Entitlement (Repeal) Act नामक इस विधेयक को श्रीलंका की संसद में 10 सितंबर को 151-1 के मतों से पारित किया गया. दरअसल श्रीलंका के वर्तमान राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने पिछले साल हुए चुनाव के दौरान यह वादा किया था कि सत्ता में आने के बाद वह पूर्व राष्ट्रपतियों के शाहखर्ची पर लगाम लगाएंगे.

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जनता ने किया था समर्थन

आर्थिक संकट झेल रही जनता ने दिसानायके के इस वादे को भरपूर समर्थन किया था. दिसानायके के राष्ट्रपति बनने के बाद इस बिल पर काम शुरु हुआ था. जुलाई 2025 में वहां की कैबिनेट ने इसे मंजूर कर लिया था और 31 जुलाई को इसे गजट में प्रकाशित किया गया था.

राजपक्षे का क्या होगा?

राजपक्षे परिवार ने इस कानून को श्रीलंका की सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था. कानून पास होने के बाद देश के पूर्व राष्ट्रपतियों की सभी सुविधाएं समाप्त हो गई हैं. बस उन्हें पेंशन दी जाएगी. इसके बाद महिंदा राजपक्षे ने 11 सितंबर को उनका कोलंबो का आधिकारिक निवास खाली कर दिया है. अब वह कोलंबो से 190 किलोमीटर की दूरी पर स्थित तल्लांगे में रहेंगे, जहां से उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी.

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वहीं श्रीलंका की पूर्व राष्ट्रपति चंद्रिका कुमार तुंगा ने अपना आवास खाली करने के लिए 2 महीने की मोहलत मांग ली है. उनका कहना है कि जिस घर में उन्हें शिफ्ट होना है, वहां अभी रेनोवेशन चल रहा है. साथ ही उन्होंने अपनी उम्र और बीमारियों का भी हवाला दिया है. उन्होंने सरकार से निर्धारित किराया देकर वर्तमान निवास पर ही रहने की अनुमति मांगी थी, लेकिन सरकार ने इसे नामंजूर कर दिया.

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