मध्यप्रदेश के सतना जिले में एक शादी चर्चा में है. कारण कोई बहुत अच्छा नहीं है. शादी थी विक्रम चौधरी की. जनाब जेल में बंद थे. कोर्ट ने मिन्नत करने पर छूट दी तो शादी में पहुंचे. शादी में बाराती भी आम नहीं थे, पुलिसवाले ही थे जो उसको शादी में लेकर आए. इसके बाद कैदी की विधिवत शादी कराई गई और उसके बाद दूल्हा सीधा वापस जेल ले जाया गया.
पुलिसवाले बने बाराती, एमपी की ये शादी क्यों चर्चा में आ गई?
थानेदार, एसआई, प्रधान आरक्षक समेत 8 पुलिस वाले शामिल थे...
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आजतक से जुड़े योगितारा दूसरे की रिपोर्ट के मुताबिक सतना जिले का रहने वाला विक्रम चौधरी आबकारी एक्ट के तहत जेल में बंद है. विक्रम ने अपनी शादी के लिए कोर्ट में आवेदन देकर समय की मांग की थी. कोर्ट ने आदेश दिया कि पुलिस कड़ी सुरक्षा के बीच पूरे रीति-रिवाज के साथ उसकी शादी करवाए.
ऐसे में पुलिस विक्रम को लेकर उसके ससुराल मैहर जिले के करुआ गांव पहुंची. पुलिस उसको मंडप तक ले गई और अपनी मौजूदगी में पुलिस ने उसका वरमाला का कार्यक्रम कराया. कोर्ट का आदेश मानते हुए विक्रम की शादी 16 मई को कराई गई. वहां से फिर उसे जेल ले जाया गया.
शादी में मौजुद एसआई विनय त्रिपाठी ने बताया कि आरोपी विक्रम चौधरी घूरड़ाग का रहने वाला है. वो आबकारी अधिनियम 34/2 के तहत आरोपी है. विक्रम की शादी उसके जेल होने के पहले से 16 मई को तय थी. इस कारण उसने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर तय समय में अपनी शादी के लिए छूट मांगी थी. उसके आवेदन पर न्यायालय ने कुछ शर्तों के साथ उसे मंजूरी दे दी.
एसआई विनय त्रिपाठी ने बताया -
“कोर्ट ने सुबह 6 बजे तक का वक्त दिया है. उसके बाद 6-7 बजे के बीच विक्रम को जेल में दाखिल करना है. हम लोग टोटल 8 लोग हैं.”
योगितारा दूसरे से मिली जानकारी के मुताबिक शादी करवाने आई पुलिस टीम में थानेदार, एसआई, प्रधान आरक्षक समेत 8 पुलिस वाले शामिल थे.
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