लोकसभा में गोडसे को देशभक्त कहने को लेकर साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने माफी मांग ली है. प्रज्ञा ने संसद में कहा-
सदन में मेरे द्वारा की गई किसी भी टिप्पणी से, किसी भी प्रकार से, किसी को कोई ठेंस पहुंची हो तो उसके लिए मैं खेद प्रकट कर क्षमा चाहती हूं. मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया. महात्मा गांधी के काम का सम्मान करती हूं.
प्रज्ञा ने बिना नाम लिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर हमला किया. उन्होंने कहा, 'सदन के एक सदस्य ने मुझे आतंकी कहा. यह सही नहीं है. मेरे खिलाफ अदालत में कोई आरोप साबित नहीं हुआ है. बिना आरोप साबित हुए मुझे अपमानित किया गया है. ना आरोप सिद्ध हुए मुझे आतंकवादी कहना कानून के खिलाफ है. एक महिला के नाते, एक संन्यासी के नाते, एक सांसद के नाते यह मेरे सम्मान पर हमला है. मुझे अपमानित करने का प्रयास किया गया.' गोडसे को देशभक्त कहने वाले बयान के बाद उन्हें रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति से हटा दिया गया है. इसके साथ ही इस सत्र में बीजेपी संसदीय दल की बैठकों से प्रज्ञा को बाहर का रास्त दिखा दिया गया है. बीजेपी के वर्किंग प्रेसिडेंट जेपी नड्डा ने 28 नवंबर को कहा कि संसद में उनका बयान निंदनीय है. बीजेपी कभी भी इस तरह के बयान या विचारधारा का समर्थन नहीं करती. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पूरे मसले पर कहा है कि अगर कोई नाथूराम गोडसे को ‘देशभक्त’ मानता है, तो हमारी पार्टी इसकी निंदा करती है. महात्मा गांधी हमारे लिए आदर्श हैं. वे हमारे मार्गदर्शक थे और आगे भी रहेंगे.
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