तस्वीरें पीटीआई और Canva.com से साभार हैं.
यूक्रेन पर जबर्दस्त सैन्य कार्रवाई कर रहे रूस के मीडिया पर साइबर अटैक हुआ है. खबर है कि रूसी न्यूज एजेंसी टास (TASS) की वेबसाइट को सोमवार, 28 फरवरी को हैक कर लिया गया. हैकिंग के बाद टास की वेबसाइट पर रूस और इसके राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के खिलाफ कई मेसेज प्रसारित किए गए. रिपोर्ट्स के मुताबिक साइबर अटैक केवल TASS पर नहीं हुआ. रूसी कोम्मरसैंट (Russian Kommersant) और इज़्वेस्टिआ (Izvestia) नाम की न्यूज साइट्स भी हैक की गई हैं. बताया गया है कि सोमवार की दोपहर ये तीनों वेबसाइट डाउन रहीं. खबर के मुताबिक अज्ञात हैकरों ने इन पर एक मेसेज चलाया, जिसमें लिखा था,
'प्रिय नागरिको, हम आपसे गुजारिश करते हैं कि इस पागलपन को बंद करें, अपने बेटों और पतियों को मृत्यु की तरफ न धकेलें.'
इसमें आगे कहा गया,
'पुतिन हमें झूठ बोलने के लिए मजबूर कर रहे हैं और हमें खतरे में डाल रहे हैं. हमें पूरी दुनिया से अलग-थलग कर दिया गया था, उन्होंने हमारा तेल और गैस खरीदना बंद कर दिया था. कुछ सालों में हम उत्तर कोरिया की तरह रहेंगे. इसमें हमारे लिए क्या रखा है? ये हमारी जंग नहीं है, कृपया इसे बंद करें. ये मेसेज डिलीट कर दिया जाएगा और हम में से कुछ लोगों को निकाल दिया जाएगा या जेल में डाल दिया जाएगा. लेकिन अब हम इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं.'
इस मेसेज के हस्ताक्षर में लिखा है,
'रूस के चिंतित पत्रकार'.
ब्रिटिश न्यूजपेपर वेबसाइट
इंडिपेंडेंट के मुताबिक इस मेसेज में कुछ ग्राफिक्स भी लगाए गए थे, जिनमें लिखा था,
'यूक्रेन में चार दिनों में 5,300 रूसी सैनिकों की मौत हुई है. ये पहले चेचेन वॉर से भी अधिक है.'
बीते सात दिनों में ये दूसरा मौका है जब किसी रूसी वेबसाइट को हैक किया गया है. इससे पहले रूसी सरकार द्वारा संचालित अंतरराष्ट्रीय टेलीविजन आउटलेट आरटी (RT), रूसी सरकार की आधिकारिक वेबसाइट द क्रेमलिन और रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट कथित तौर पर साइबर हमले की शिकार हुई थी. यहां बता दें कि यूक्रेन के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन मिनिस्टर मिखाइलो फेदोरोव ने रूस को निशाना बनाते हुए साइबर हमले के लिए 'आईटी आर्मी' बनाने की घोषणा की थी. इसके बाद से ही रूस की ये वेबसाइट्स निशाने पर आई हैं. हालांकि ये हमले असल में कर कौन रहा है, ये फिलहाल पूरी तरह साफ नहीं है.
हालांकि
Anonymous नामक एक समूह ने ये घोषणा की है कि उसने इन वेबसाइट्स को हैक किया है. समूह के हैकर्स का कहना है कि वे यूक्रेन पर रूसी कार्रवाई के विरोध में हैं और युद्ध तत्काल रोकने की मांग करते हैं. उन्होंने कहा है कि जंग बंद न होने तक वे रूसी वेबसाइट्स को हैक करते रहेंगे.