कर लो.

मेड इन इंडिया सर्च करते गुरु भाई
हां तो अब मौजूदा गाने की बात. इस में राष्ट्रप्रेम की सारी सीमाएं पार करते हुए टाइटल ही 'मेड इन इंडिया' रख दिया गया है. आप इस गाने की तुलना 1995 में आए अलीशा चिनाय के मेड इन इंडिया से भूलकर भी मत कीजिएगा. भले उसमें आजतक लड़कियों के क्रश बने हुए मिलिंद सोमन हों. भले उसमें 'कजरारे कजरारे' वाली अलीशा अपने फिरंगी अवतार में रही हों.

1995 में आया मेड इन इंडिया
उस गाने में जो मेड इन इंडिया दिखा था, यानी मिलिंद सोमन, वो भले बॉडी बीडी में टार्जन जैसा रहा हो लेकिन उसको डब्बे में बंद करके लाया गया था जो एक तरह से इंडिया की शान घटाने वाली बात थी. गुरु रंधावा का मेड इन इंडिया अलग ही लेवल का है.

कुड़ी मेड इन इंडिया
यहां गुरु रंधावा ने दुनिया को दिखा दिया है कि सच्चा देशभक्त दुनिया के किसी भी कोने में चला जाए, उसे प्यार भारतीय लड़की से ही करना है. उसे रहना इटली में है. मिलान और कोमो लेक में टैक्सी चलानी है. कन्या को इम्प्रेस करने के लिए जुगाड़ गूगल पर खोजना है.

सेलिब्रिटी लड़की को इम्प्रेसित करने के जुगाड़ की खोज
इटली मेड मज़राटी किराए पर लेनी है. उसमें सारे पैसे लुटाकर भिखारी हो जाना है. लेकिन लड़की चाहिए मेड इन इंडिया. गुरु भाई की ये च्वाइस देखकर दो ही चीजें याद रह जाती हैं. शुद्ध रक्त और देशभक्त. अक्षय कुमार भी गुरु रंधावा की देशभक्ति को बीट नहीं कर पाए हैं. उन्होंने कनाडा की नागरिकता ले ली. खैर जाते जाते अब देखो वो क्रांतिकारी गाना.
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