200 से ज्यादा कर्मचारी और 24 ठिकानों पर जांच
इंडिया टुडे के अनुसार, छापेमारी में आयकर विभाग के 200 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी शामिल है. राठौड़ और अरोड़ा के करीब 24 ठिकानों पर जांच हो रही है. छापेमारी की सूचना स्थानीय पुलिस को नहीं दी गई थी. आयकर विभाग की टीम के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के सिपाही हैं.
वहीं गहलोत के बेटे वैभव के बिजनेस पार्टनर रविकांत शर्मा के घर पर प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने छापा मारा है. आज तक की खबर के अनुसार, शर्मा को ईडी ने कुछ दिन पहले नोटिस भी भेजा था. उनसे विदेशी लेनदेन के बारे में पूछताछ की जाएगी.
छापेमारी के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गए हैं. कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए कहा कि बीजेपी गहलोत सरकार को अस्थिर करना चाहती है. इसलिए छापेमारी के जरिए दबाव बना रही है. वह विधायकों को डराना चाहती है. बीजेपी ने इन आरोपों से इनकार किया. पार्टी ने कहा कि कोरोना के कारण आयकर विभाग ने छापेमारी रोकी थी. अब फिर से कार्रवाई हो रही है. इस छापेमारी और राजस्थान के सियासी संकट का कोई लेना-देना नहीं है.

राहुल गांधी के साथ राजीव अरोड़ा. (Photo: Facebook)
कौन हैं राजीव अरोड़ा और धर्मेंद्र राठौड़
राजीव अरोड़ाराजीव अरोड़ा अभी राजस्थान कांग्रेस के उपाध्यक्ष हैं. वह राजस्थान कांग्रेस का आर्थिक मैनेजमेंट भी देखते हैं. उनका जूलरी का बिजनेस भी है. साल 2008 में उन्होंने जयपुर की मालवीय नगर सीट से विधानसभा चुनाव भी लड़ा था. लेकिन वे हार गए थे. इसके बाद भी चुनाव लड़ने की तैयारी की लेकिन टिकट नहीं मिला. वे राजस्थान टूरिज्म डवलपमेंट कॉर्पोरेशन (RTDC) के चेयरमैन भी रहे हैं. यह नियुक्ति भी गहलोत सरकार के समय ही हुई थी.

अशोक गहलोत के साथ धर्मेंद्र राठौड़. (Photo: Facebook)
धर्मेंद्र राठौड़
वे रहने वाले जयपुर के ही हैं. लेकिन राजनीतिक रूप से अलवर जिले में सक्रिय रहे हैं. दो बार अलवर की बानसूर सीट से विधानसभा चुनाव का टिकट मांगा पर मिला नहीं. अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के सदस्य भी हैं. गहलोत सरकार के पिछले कार्यकाल में राजस्थान राज्य बीज निगम के चेयरमैन थे. गहलोत के बहुत करीबी लोगों में से एक हैं. होटल वगैरह का काम करते हैं. बताया जाता है कि पूर्वी राजस्थान की राजनीति में गहलोत के बड़े मददगार हैं.
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