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राहुल गांधी की सांसदी जाने पर विदेशी मीडिया में क्या-क्या छपा?

विदेशी मीडिया ने अडानी विवाद, विपक्षी नेताओं के खिलाफ जांच एजेंसियों की कार्रवाई का भी जिक्र किया है.

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी (फोटो-PTI)

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की संसद सदस्यता जाने की चर्चा देश के साथ विदेशों में भी हो रही है. 24 मार्च को लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी की सदस्यता रद्द करने का नोटिफिकेशन जारी किया. इस खबर को दुनिया भर के मीडिया संस्थानों ने छापा है. मीडिया संस्थान राहुल गांधी से जुड़े इस मामले को लगातार कवर कर रहे हैं. कई विदेशी मीडिया राहुल गांधी से जुड़ी इस खबर में हालिया अडानी विवाद, विपक्षी नेताओं के खिलाफ जांच एजेंसियों की कार्रवाई और भारत जोड़ो यात्रा का भी जिक्र कर रहे हैं.

अमेरिकी अखबार द वॉशिंगटन पोस्ट ने इस कार्रवाई पर शीर्षक दिया है- "भारत ने मोदी के आलोचक राहुल गांधी को संसद से निकाला".

अखबार ने खबर में लिखा है कि भारत के मुख्य विपक्षी नेता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कड़े आलोचक को शुक्रवार को संसद से निष्कासित कर दिया गया. ये कार्रवाई मानहानि मामले में कोर्ट से दो साल की सजा मिलने के बाद हुई है. राहुल गांधी ने एक भाषण में 'मोदी सरनेम' को लेकर मजाक उड़ाया था, जिसके बाद उनके खिलाफ मानहानि का केस दर्ज हुआ था. अखबार ने आगे लिखा है, राहुल गांधी ने खुद को मोदी सरकार के मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में प्रोजेक्ट किया, लेकिन उनकी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी पिछले दो आम चुनावों में बेहद खराब प्रदर्शन कर रही है. पिछले साल राहुल गांधी ने मोदी सरकार और उनके नेतृत्व में बढ़ रहे हिंदू राष्ट्रवाद के खिलाफ देश भर में एक यात्रा की अगुवाई की थी.

"विरोध की आवाज दबाने की कोशिश"

एक और अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स ने शीर्षक दिया है- "संसद से राहुल गांधी को निष्कासित कर मोदी के सहयोगियों ने मुख्य विपक्षी को खत्म किया"

अखबार ने लिखा है- चार साल पहले राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देते हुए उन्हें एक खतरनाक हिंदू राष्ट्रवादी बताया था और कहा था कि अगर वे सत्ता में रहते हैं तो देश का लोकतंत्र खत्म हो जाएगा. 2019 के मोदी लहर में राहुल गांधी और उनकी पार्टी बुरी तरह हार गई. शुक्रवार को, मोदी के सहयोगियों ने काम को पूरा कर दिया. अधिकारियों ने आपराधिक मानहानि मामले में दोषी पाए जाने के एक दिन बाद राहुल गांधी को संसद से अयोग्य करार दे दिया. अखबार आगे लिखता है कि देश में आम चुनाव अगले साल ही होने हैं. ये मानहानि केस राहुल गांधी और कांग्रेस को सालों की कानूनी लड़ाई में डाल सकता है. अपने प्रतिद्वंद्वियों और विरोध की आवाज को दबाने के लिए मोदी के सहयोगियों की ये सबसे बड़ी कार्रवाई है. अगले साल चुनाव से पहले इसे सत्ता की बड़ी तैयारी के रूप में देखा जा रहा है.

ब्रिटिश अखबार 'द गार्डियन' ने शीर्षक दिया है- "मानहानि केस में सजा के बाद भारत के विपक्षी नेता को संसद से निष्कासित किया गया"

'द गार्डियन' ने खबर में कांग्रेस और बीजेपी नेताओं का पक्ष रखा है. अखबार लिखता है- अगर उच्च अदालत राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाती है तो वह दोबारा लोकसभा सदस्य बन जाएंगे. मोदी की बीजेपी सरकार पर आलोचकों को चुप कराने और निशाना बनाने के लिए कानून के इस्तेमाल का आरोप लगता रहा है. अयोग्य करार दिए जाने के बाद राहुल गांधी के लोकसभा क्षेत्र वायनाड में उपचुनाव कराने होंगे. उनका राजनीतिक भविष्य फिलहाल साफ नहीं है.

विपक्ष के लिए झटका

एक और ब्रिटिश मीडिया संस्थान 'द इंडिपेंडेंट' ने इस घटनाक्रम को भारत के विपक्ष के लिए बड़ा झटका बताया है. शीर्षक दिया है- "मोदी 'चोर' टिप्पणी पर राहुल गांधी को भारत की संसद से निष्कासित किया गया"

राहुल गांधी मानहानि मामले में सजा को चुनौती दे सकते हैं. संसद से अयोग्य होना, भारत के विपक्षी दल के सबसे हाई प्रोफाइल नेताओं में एक गांधी के लिए बड़ा झटका है. भारत में अगले साल आम चुनाव होने हैं. 'द इंडिपेंडेंट' ने राहुल गांधी के ट्वीट का भी जिक्र किया है जिसमें उन्होंने लिखा था, 

"मैं भारत की आवाज़ के लिए लड़ रहा हूं. मैं हर कीमत चुकाने को तैयार हूं."

रेडियो फ्रांस इंटरनेशनल ने खबर की चर्चा करते हुए लिखा है कि मोदी सरकार पर आलोचकों को निशाना बनाने और उन्हें चुप कराने के लिए कानून के इस्तेमाल का आरोप लगता है. ये केस प्रधानमंत्री के गृह राज्य गुजरात में हाल के सालों में उनके मुख्य विरोधियों के खिलाफ दर्ज मामलों में एक है. वहीं, जर्मन मीडिया डॉयचे वेले (DW) ने शीर्षक दिया है- “भारत: विपक्ष के राहुल गांधी को संसद से अयोग्य करार दिया गया”. DW ने कांग्रेस नेताओं के हवाले से लिखा है कि राहुल गांधी के खिलाफ यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है.

सदस्यता रद्द होने के बाद राहुल गांधी ने 25 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उनकी सांसदी इसलिए गई है क्योंकि PM मोदी अडानी पर उनकी अगली स्पीच से डर रहे हैं. राहुल ने कहा कि ये डर उन्होंने पीएम मोदी की आंखों में देखा है. वो संसद के अंदर रहें या बाहर, वो सवाल पूछना बंद नहीं करेंगे.

वीडियो: नेतानगरी: सांसदी छिनने के बाद राहुल गांधी के लिए आगे क्या विकल्प हैं?