तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों का आंदोलन जारी है. किसानों ने इसे और तेज करने की बात कही है. इस बीच पंजाब के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल DIG (जेल) ने किसानों के समर्थन में पद से इस्तीफा दे दिया है. लखमिंदर जाखड़ ने कहा कि उन्होंने शनिवार 12 दिसंबर को ही अपना इस्तीफा पंजाब सरकार को सौंप दिया. ANI के मुताबिक, पंजाब के DIG लखमिंदर सिंह ने राज्य सचिव को लिखा-
किसानों के समर्थन में पंजाब के DIG जेल ने अपने पद से इस्तीफा दिया
इस्तीफे के बाद जो कहा है वो जानना चाहिए.

मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैंने अपने किसान भाइयों के साथ खड़े होने के लिए ये फैसला किया है, जो शांतिपूर्वक कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
इस्तीफे में लखमिंदर सिंह ने कहा कि वो किसान पहले हैं और फिर एक ऑफिसर. वो आज जो भी हैं एक किसान की वजह से हैं. उनके पिता किसान हैं और उन्होंने खेतों में काम करके उनको पढ़ाया है. जाखड़ ने ड्यूटी से जल्दी राहत के लिए इन्होंने अपने इस्तीफे में नोटिस पीरियड के दौरान की तीन महीने की सैलरी देने की पेशकश की है.
ANI से बात करते हुए उन्होंने कहा,
किसान लंबे समय से शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं. किसी ने उनकी समस्याओं को नहीं सुना. मैं एक डिसिप्लीन फोर्स से हूं और नियम के मुताबिक, अगर मैं ड्यूटी पर हूं तो मैं इश प्रोटेस्ट का सपोर्ट नहीं कर सकता. मुझे पहले अपनी ड्यूटी के बारे में फैसला करना है और फिर आगे का सोचना है.

सस्पेंड भी हो चुके हैं DIG जेल
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जाखड़ को मई में भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया गया था. हालांकि फिर इन्हें दो महीने बाद बहाल कर दिया गया था. वहीं, फ्री प्रेस जनरल के मुताबिक, उप अधीक्षक विजय कुमार ने जाखड़ और उनके स्टाफ पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था. प्रारंभिक जांच में जाखड़ के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की गई और चार्जशीट दायर की गई. हालांकि, जाखड़ ने आरोप से इनकार किया था. जाखड़ मौजूदा समय में चंडीगढ़ में तैनात थे. जेल के ADGP प्रवीण कुमार सिन्हा ने बताया कि जाखड़ ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है. वो करीब दो महीने पहले ही बहाल हुए थे.
2012 में भी जाखड़ चर्चा में आए थे. बता दें कि 2012 में भी जाखड़ चर्चा में आए थे. उस समय वो पटियाला जेल के अधीक्षक के रूप में अपनी सेवा दे रहे थे. तब पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था. क्योंकि जाखड़ ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के लिए दोषी ठहराए गए मुख्य आरोपी बलवंत सिंह का डेथ वॉरंट लौटा दिया था.
किसान समर्थन में पूर्व सीएम अवॉर्ड लौटा चुके हैं
नए कृषि कानूनों के विरोध में पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों के हजारों किसान दिल्ली के कई बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इससे पहले अकाली दल के मुखिया और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने कृषि कानूनों के विरोध में अपना पद्म विभूषण अवॉर्ड लौटाने की घोषणा की थी. इतना ही नहीं, SAD(डेमोक्रेटिक ) नेता सुखदेव सिंह ने भी ये घोषणा की थी कि वो किसानों के समर्थन में अपना पद्म विभूषण अवॉर्ड लौटाएंगे.
पंजाब के कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों ने भी किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया है. प्रख्यात पंजाबी कवि सुरजीत पातर ने भी अपने पद्मश्री पुरस्कार को वापस करने की घोषणा की थी. अभी हाल ही में कृषि विज्ञान विशेषज्ञ डॉ. वीरेंद्र पाल सिंह ने केंद्र सरकार से एक अवॉर्ड लेने से मना कर दिया था. वीरेंद्र पाल ने कहा था कि ऐसा वो किसानों और उनकी मांगों को समर्थन देने के लिए कर रहे हैं. इसके पहले 30 खिलाड़ियों ने किसानों के सपोर्ट में अपने मेडल्स और अवॉर्ड वापस देने का फैसला किया था और इनमें ओलिंपिक्स में गोल्ड मेडल जीत चुकी टीम के खिलाड़ी भी शामिल थे.