पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी. (फोटो- ANI)
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने 28 सितंबर, मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. चन्नी मीडिया से मुखातिब होने ही वाले थे कि इससे कुछ देर पहले ही एक और बड़ी ख़बर आ गई. नवजोत सिंह सिद्धू ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. ऐसी खबरें आईं कि सिद्धू ने सीएम चन्नी से नाराजगी के चलते इस्तीफ दिया है. इस पर चन्नी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा –
“मैं सब सही करने की कोशिश करूंगा. अगर सिद्धू नाराज हैं तो उनसे मिलकर बात की जाएगी. सब ठीक हो जाएगा. मुझे सिद्धू पर पूरा भरोसा है.”
चन्नी ने एक अहम बात ये भी कही कि एक पुराना नेक्सस बन गया था, जिसे तोड़ने में समय लगेगा. हालांकि उन्होंने इस बात के साथ किसी का नाम नहीं लिया.
किसानों पर किया बड़ा ऐलान
सीएम चन्नी ने केंद्र सरकार से अपील की कि वे तीन कृषि कानूनों को वापस ले, ताकि किसानों का गतिरोध ख़त्म हो और पंजाब की अर्थव्यवस्था वापस पटरी पर आ सके. किसानों के प्रति समर्थन जताते हुए चन्नी ने कहा कि वे पिछले 5 दिन में खेत-खलिहानों में गए. किसानों से, मज़दूरों से बात की. उनकी हालत बद से बदतर हो रही है लेकिन केंद्र सरकार कृषि कानूनों पर टस से मस नहीं हो रही है. उन्होंने ये भी ऐलान किया कि कृषि कानूनों के विरोध के दौरान जिन भी किसानों की मृत्यु हुई है, उनके परिवार से एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी. उन्होंने कहा कि जल्द ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा.
सिद्धू के इस्तीफे से राजनीति गर्म
इससे पहले नवजोत सिंह ने सिद्धू ने कांग्रेस प्रेसिडेंट सोनिया गांधी को पत्र लिखकर इस्तीफे का ऐलान किया. उन्होंने लेटर में लिखा कि
“किसी भी इंसान के चरित्र का पतन उसके समझौते की वजह से ही होता है. मैं कभी भी पंजाब के भविष्य और उसके हितों के साथ समझौता नहीं कर सकता. इसलिए पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं. मैं कांग्रेस की सेवा करना जारी रखूंगा.”
सिद्धू ने जैसे ही अपना इस्तीफा ट्वीट किया, पंजाब के पूर्व CM अमरिंदर सिंह का रिएक्शन भी आ गया. उन्होंने ट्वीट किया -
"जैसा कि मैंने कहा था कि वो स्थिर इंसान नहीं हैं और पंजाब जैसे सीमावर्ती राज्य के लिए उपयुक्त नहीं हैं."
कांग्रेस में अंदर से भी सिद्धू के ख़िलाफ बातें आने लगीं. कांग्रेस नेता रवनीत बिट्टू ने कहा कि सिद्धू को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वो RSS या किसी अन्य के इशारे पर चल रहे हैं? बिट्टू ने कहा कि सिद्धू का इस्तीफ़ा कोई मायने नहीं रखता और आज सभी कांग्रेसी खुश हैं. कैप्टन अमरिंदर सिंह के सलाहकार रवीन ठुकराल ने मेहंदी हसन का गीत ट्वीट करते हुए तंज कसा. उन्होंने लिखा कि जिसकी फितरत में हो डसना, वो तो डसेगा... वहीं आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा –
“इससे यह पता चलता है कि सिद्धू दलित विरोधी हैं. एक गरीब मां के बेटे का मुख्यमंत्री बनना बर्दाश्त नहीं कर सके.”
AAP के दिल्ली विधायक राघव चड्ढा ने ट्वीट किया –
“पंजाब कांग्रेस में पूरी अराजकता फैली हुई है. पंजाब के लोग इन स्वार्थी नेताओं से एक स्थिर और प्रगतिवादी सरकार देने की उम्मीद कैसे करें? इन लोगों पर ऐसे राज्य को लेकर भरोसा कैसे कर लें, जो पाकिस्तान से महज 550 किमी दूर है?”
भाजपा महासचिव तरुण चुग ने कहा –
“सिद्धू को एक दलित मुख्यमंत्री बर्दाश्त नहीं हो रहा है. वो अपने आपको सुपर CM मानते थे. वो अपने लोगों को बड़े-बड़े पदों पर लाना चाहते थे. जब उनकी सिफ़ारिशों को नहीं माना गया तो इस्तीफ़ा दे दिया. वो एक स्थिर सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं. पंजाब एक बॉर्डर स्टेट हैं. वहां पर कांग्रेस ने मज़ाक बनाकर रखा हुआ है. कांग्रेस ने पंजाब को एक कॉमेडी सर्कस करने वाले के हाथ में दे दिया है. जो कहते हैं कि बाजवा उनका भाई है, इमरान खान उनका दोस्त है.”
BJP IT सेल के हेड अमित मालवीय ने भी तंज कसते हुए ट्वीट किया. पूछा कि सिद्धू ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के 72 दिन बाद ही इस्तीफा देकर सोनिया, राहुल और प्रियंका में से किसे सबसे ज़्यादा शर्मसार किया है?