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PM मोदी ने स्कूली बच्चों के साथ खिंचाई फोटो, लोगों ने संडे को छुट्टी की बात कह दी!

लोग ये भी बोले, दूसरे देश के राष्ट्रपति की ऐसी फोटो पर तारीफ होती.

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पुणे मेट्रो में स्कूल के बच्चों के साथ सफर करते पीएम मोदी. (फोटो: ट्विटर)
पीएम मोदी (Narendra Modi) रविवार, 6 मार्च को पुणे के दौरे पर रहे. पुणे में उन्होंने मेट्रो का उद्घाटन किया और उसमें यात्रा भी की. मेट्रो में यात्रा की एक फोटो को पीएम मोदी के ट्विटर अकाउंट से भी पोस्ट किया गया. इस फोटो में प्रधानमंत्री के साथ स्कूल के कुछ बच्चे भी दिखाए दे रहे हैं. पीएम की ये फोटो सोशल मीडिया पर काफी वायरल भी हो रही है. लोग तरह-तरह के रिएक्शन दे रहे हैं. लोगों ने कहा कि संडे को बच्चों की छुट्टी होती है, ऐसे में उन्हें बुलाना ठीक नहीं. वहीं कुछ यूजर्स ने तो ये तक कह दिया कि प्रधानमंत्री बच्चों का इस्तेमाल अपनी पब्लिसिटी के लिए ना करें. उधर कुछ लोगों ने पीएम के मेट्रो उद्घाटन की तारीफ भी की और उन्हें ट्रोल करने वालों की क्लास भी ली. कुल मिलाकर पीएम की इस फोटो को सोशल मीडिया पर मिलीजुली प्रतिक्रिया मिल रही है. चिराज बड़जात्या ने तंज कसते हुए लिखा,
"इस देश के बच्चे रविवार को भी स्कूल जा रहे है. हर रोज़ पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया. जय हिंद." 
चिराग अनु मित्तल लिखती हैं,
"बच्चों को उनकी संडे की छुट्टी इंजॉय करने दीजिए."
अनु मित्तल वहीं आदित्य त्रिपाठी ने कोरोना के दौरान मास्क लगाने की नसीहत देते हुए लिखा,
"मिस्टर मोदी, आपका मास्क कहां है?"
आदित्य एक अन्य यूजर अभिजीत दीपके ने तंज कसते हुए लिखा,
"मोदी जी ने संडे को भी बच्चों को स्कूल की ड्रेस पहनवा दी. सबसे बढ़िया प्रधानमंत्री."
अभिजीत एक यूजर ने मुंबई में भी जल्दी मेट्रो की शुरुआत करने की मांग करते हुए लिखा
"सर, मुंबई मेट्रो भी जल्दी चालू करो... इस शहर को इसकी काफी जरूरत है." 
हार्दिक विक्रमजीत लिखते हैं,
"किसी बॉलीवुड फिल्म के दृश्य की तरह. आपके चहीते स्टार ने अपनी इमेज सुधारने के लिए ये दिखाने की कोशिश की है कि वो एक गरीब आम आदमी है, और उसके इस नाटक को जनता ने पसंद कर तालियां बजा दीं. आपको शुभकामनाएं."  
विक्रमजीत विक्रम के इस कमेंट कुछ यूजर्स ने इस तरह की प्रतिक्रिया दी. आभा दत्त लिखती हैं,
"वाह.. अगर यही काम किसी और देश के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री ने किया होता, तो उनकी तारीफ की जाती. लेकिन जब आपके देश के ही पीएम इस तरह का कुछ करते हैं तो आप उसे बॉलीवुड का नाटक कहते हैं. क्या बढ़िया सोच है आपकी.  अपने देश की बुराई करने के लिए हम खुद ही जिम्मेदार हैं."  
आभा कविता लिखती हैं,
"ये स्कूल तय करता है कि कौन से बच्चे पीएम से मुलाकात करेंगे. अपने स्कूल की ड्रेस में और एक आइडी कार्ड के साथ ही वहां जाएंगे. ये सब पहले ही तय कर लिया जाता है. अगर ये कार्यक्रम संडे को होता है या किसी और दिन शिफ्ट कर दिया जाता है, तब भी वही बच्चे इस कार्यक्रम को खुशी से अटेंड करते हैं." 
कविता अखिल नाम के एक यूजर ने सवालिया अंदाज में लिखा,
"अगर बच्चे किसी कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे हैं और अचानक से पीएम से मिले हैं, तो उनके गले में ये पीएम सिक्युरिटी क्लेयरेंस पास कैसे आया. क्या ये सब फोटोशूट के लिए नहीं किया गया." 
अखिल अखिल के इस कमेंट का जवाब देते हुए नटराज ने लिखा,
"ये बात बिल्कुल साफ है कि हर बच्चे के गले में एक सिक्युरिटी क्लेयरेंस पास है. हां ये फोटोशूट ही लग रहा है. और मुझे नहीं लिखता कि इस बात का इतना बड़ा मुद्दा बनाना चाहिए. क्योंकि आजकल हर चीज का सुबूत चाहिए, दिया तो मरे... नहीं दिया तो मरे! रहा भी ना जाए... सहा भी ना जाए! सैड लाइफ ब्रो!"
नटराज प्रधानमंत्री के साथ स्कूल की ड्रेस में बच्चों की जिस तरह की फोटो आई है, उस तरह की फोटो पहले भी आती रही हैं. दूसरे नेताओं की भी आती रही हैं. जाहिर है कि जिन बच्चों को इस तरह के कार्यक्रमों में शामिल होना होता है, उनके स्कूल उन्हें स्कूल की यूनीफॉर्म में भेजने या ना भेजने का फैसला लेते हैं. ज्यादातर मामलों में बच्चों की स्कूली पहचान दिखाने के लिए उन्हें यूनीफॉर्म पहनाई जाती है.

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