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UNGA में बोले PM मोदी- कुछ देश आतंकवाद को पॉलिटिकल टूल की तरह इस्तेमाल कर रहे

कोविड से लेकर अफगानिस्तान तक पर बात की.

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UNGA में PM मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल हमलों के लिए ना हो.
अमेरिका के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार, 25 सितंबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया. यह UNGA की 76वीं मीटिंग है. पीएम ने अपने भाषण की शुरुआत कोरोना से मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए की. उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल से हम 100 साल में आई सबसे बड़ी महामारी का सामना कर रहे हैं. ऐसी महामारी में जीवन गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देता हूं. पीएम मोदे के भाषण की मुख्य बातें क्या रही, जानते हैं. पीएम ने कहा कि # भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि जो बच्चा 4 साल की उम्र में एक रेलवे स्टेशन पर, टी-स्टॉल पर अपने पिता की मदद करता था, वो आज चौथी बार भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर UNGA को संबोधित कर रहा है. # मैं अपने अनुभव से कह रहा हूं- Yes, Democracy Can Deliver. Yes, Democracy Has Delivered. # बीते सात वर्षों में भारत में 43 करोड़ से ज्यादा लोगों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा गया है. 36 करोड़ से अधिक लोगों को बीमा सुरक्षा कवच मिला है. 50 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा देकर भारत ने उन्हें क्वालिटी हेल्थ सर्विस से जोड़ा है. # प्रदूषित पानी भारत ही नहीं पूरे विश्व और खासकर गरीब और विकासशील देशों की बहुत बड़ी समस्या है. भारत में इस चुनौती से निपटने के लिए हम 17 करोड़ से अधिक घरों तक पाइप से साफ पानी पहुंचाने का बहुत बड़ा अभियान चला रहे हैं. # आज विश्व का हर छठा व्यक्ति भारतीय है. जब भारतीयों की प्रगति होती है तो विश्व के विकास को भी गति मिलती है. # भारत का वैक्सीन डिलिवरी प्लेटफॉर्म- COWIN एक ही दिन में करोड़ों वैक्सीन डोज लगाने के लिए डिजिटल सपोर्ट दे रहा है. भारत ने दुनिया की पहली DNA वैक्सीन विकसित कर ली है, जिसे 12 साल की आयु से ज्यादा के सभी लोगों को लगाया जा सकता है. # एक और mRNA वैक्सीन अपने डवलपमेंट के आखिरी चरण में है. भारत के वैज्ञानिक कोरोना की एक नेज़ल वैक्सीन के निर्माण में भी जुटे हैं. # आज विश्व के सामने संकुचित सोच और अतिवाद का खतरा बढ़ता जा रहा है. इन परिस्थितियों में, पूरे विश्व को विज्ञान आधारित, तार्किक और प्रगतिवादी सोच को विकास का आधार बनाना ही होगा. # संकुचित सोच के साथ जो देश आतंकवाद का पॉलिटिकल टूल के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें ये समझना होगा कि आतंकवाद, उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है. # ये सुनिश्चित किया जाना बहुत जरूरी है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी हमलों के लिए ना हो. प्रधानमंत्री ने अंत में नोबल पुरस्कार विजेता गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर के शब्दों के साथ अपनी बात पूरी की. शुभो कोर्मो-पोथे धोरो निर्भोयो गान, शोब दुर्बोल सोन्शोय होक ओबोसान. अर्थात अपने शुभ कर्म-पथ पर निर्भीक होकर आगे बढ़ो, सभी दुर्बलताएं और शंकाएं समाप्त हों.

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