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संसद की नई ड्रेस पर तगड़ा बवाल, कमल के फूल वाले निशान पर क्या पेच फंसा?

कर्मचारियों की ड्रेस पर बना होगा कमल का फूल. पैंट का रंग बदलकर हुआ खाकी. वहीं महिलाओं के लिए सफेद और हल्के गुलाबी रंग की साड़ी.

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18 सितंबर से शुरू हो रहा है संसद का विशेष सत्र, अगले दिन से नए संसद भवन में होगी कार्यवाही. (फोटो क्रेडिट - एएनआई)

संसद के विशेष सत्र को लेकर एक और विवाद खड़ा हो गया है. यहां के कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड (Parliament Dress Code) आया है. इस पर विपक्ष कड़ा विरोध जता रहा है. संसद के विशेष सत्र में कर्मचारियों को नई पोशाक पहन कर जाना होगा.

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लोकसभा सचिवालय ने एक इंटर्नल सर्कुलर जारी कर ये जानकारी दी. इसमें बताया गया कि दोनों सदनों के चैंबर अटेंडेंट्स, ऑफिसर्स, ड्राइवर्स, मार्शल्स और सुरक्षा कर्मचारियों की ड्रेस बदली गई है. मार्शल्स अब मणिपुरी पगड़ी पहनेंगे. वहीं, सुरक्षा कर्मचारी अभी तक सफारी सूट पहनते आए हैं. लेकिन अब उन्हें सैनिकों की तरह कैमोफ्लेज ड्रेस पहनना होगा.

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संसद भवन के कर्मचारियों की नई ड्रेस को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नलॉजी (NIFT) ने डिज़ाइन किया है. इसमें बंद गले के सूट को बदला गया है. अब कर्मचारियों को मैजेंटा या गहरे गुलाबी रंग की नेहरू जैकेट पहननी होगी. उनकी शर्ट का रंग भी गहरा गुलाबी है. इस पर कमल के फूल बने हुए हैं. साथ ही पैंट का रंग भी बदलकर खाकी कर दिया गया है.

वहीं, महिला कर्मचारियों  को सफेद और हल्के गुलाबी रंग की साड़ी पहननी होगी. ठंड में वे इसके साथ हल्के गुलाबी रंग की जैकेट पहनेंगी.

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नई ड्रेस पर खड़ा हुआ विवाद

ड्रेस बदलने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. कांग्रेस ने सवाल किया कि ड्रेस पर कमल का फूल क्यों बनाया गया? पार्टी ने BJP पर संसद को एकतरफा और पक्षपाती बनाने का आरोप भी लगाया है. कांग्रेस के लोकसभा व्हिप मनिकम टैगोर ने इस पर ट्वीट भी किया. उन्होंने लिखा,

"केवल कमल का फूल क्यों? मोर या बाघ क्यों नहीं? वे BJP के चुनाव चिह्न नहीं हैं! ये गिरावट क्यों सर, ओम बिड़ला?"

मनिकम टैगोर ने ट्विटर पर एक वीडियो भी जारी किया. उन्होंने कहा,

"ये कितना गिर सकते हैं? G20 में भी उन्होंने ऐसा ही किया. अब भी यही कर रहे हैं और कह रहे हैं कि कमल राष्ट्रीय फूल है. इस तरह का कदम ठीक नहीं है. उम्मीद है कि BJP इससे ऊपर उठेगी और संसद को एकतरफा पक्षपाती नहीं बनाएगी."

कांग्रेस के लोकसभा व्हिप ने आगे कहा,

"संसद एक पार्टी का प्रतीक बनती जा रही है. ये अफसोस की बात है. संसद सभी दलों से ऊपर है. इससे पता चलता है कि BJP हर दूसरी संस्था में दखल दे रही है.

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संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से पुराने संसद भवन में शुरू होगा. संसद भवन की कार्यवाही 19 सितंबर से नई संसद में होगी. इसी दिन गणेश चतुर्थी भी है. कहा जा रहा है कि इससे पहले एक पूजा होगी. नए संसद भवन में जाने से पहले 18 सितंबर को पुरानी संसद में एक बैठक होगी. इसमें पुराने संसद भवन के बनने से लेकर अब तक की यादों पर बातचीत होगी. दोनों सदनों की साझा बैठक भी हो सकती है. 

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