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पाकिस्तानी आतंकी बहादुर अली का इकबालिया बयान

रावलपिंडी के रहने वाले इस आतंकी ने अपने आकाओं के सारे राज खोल दिए हैं...

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फोटो - thelallantop
पाकिस्तान का एक बंदा अपने पास है. आतंकी बहादुर अली. जबसे पकड़ा गया है, तबसे 'राज खोलने' के काम आ रहा है. उड़ी अटैक के बाद इंडिया फुल्लम फुल मूड में पाकिस्तान को घेरने की तैयारी कर रहा है. सबूत जुटाए जा रहे हैं. इसी जुटान के क्रम में बहादुर अली से जुड़े नए 'कबूलनामे संग राज' सामने आए हैं. हम बहादुर अली की पूरी बातें आपको यहां परोसे दे रहे हैं. पढ़िए पूरी कहानी, बहादुर अली की जुबानी... 1. मैं जमात-उद-दावा के लिए फंड कलेक्ट करने का का काम करता था. मेरे अब्बा पाकिस्तान में पुलिस कॉन्स्टेबल थे. लाहौर के पास रावलपिंडी में मेरा घर है. चौथी क्लास तक मैंने पढ़ाई की थी. इसके बाद मैंने अबू बकेर मस्जिद जॉइन की, जहां मैंने 2 साल तक कुरान की पढ़ाई की. 2. हमें असिया अंद्राबी और गो हत्या के वीडियो दिखाए जाते थे. इन्ही सारी वीडियो को देखकर मैं इंस्पायर हुआ था. (असिया अंद्राबी पाकिस्तान समर्थक कश्मीरी लेडी हैं. दुख्तारान-ए-मिलत की फाउंडर मेंबर हैं. ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से हैं. एंटी इंडिया भाषणों के लिए जानी जाती हैं. ) 3. लश्कर-ए-तैयबा मुझसे और तमाम आतंकियों से ये चाहता है कि हम ज्यादा से ज्यादा इंडिया पर अटैक करें. इन लोगों का मेन गोल इंडिया को इस्लामिक स्टेट में तब्दील करने का है. मुझे लश्कर के कैंप में ट्रेनिंग दी गई थी. 4. मैं हिंदी, मेवाती, पंजाबी और उर्दू बोल लेता हूं. मेरे 6 भाई और 2 बहनें हैं. मेरे ये भाई मिस्त्री, मजदूरी, रिक्शा चालक, माली और किसानी करते हैं. एक भाई टेक्निकल कोर्स कर रहा है और एक भाई 9वीं क्लास में पढ़ रहा है. 5. मैंने शुरुआती कुछ सालों में मजदूरी का काम भी किया. बाद के सालों में मैंने JDU के लिए फंड जुटाने का काम किया. ये काम हाफिज सईद भी करता था. मैं जमात-उद-दावा की कई रैलियों में जाता था. 6. पहले बिलाल नाम के बंदे और फिर अब्दुल्लाह से मेरी मुलाकात हुई. ये वो लोग थे, जो इंडिया के खिलाफ भड़काने का काम करते थे. 7. हम 20 जून के आसपास वदार आए. शाम को हमें शाद नाम के बंदे ने आसपास के गांवों से खाना लाकर दिया. फिर 23 जून को हमने अपने हथियार एक सेफ जगह पर छिपाए. 8. 24 जुलाई 2016 को जब मैं खाना लेने जा रहा था, तब जम्मू कश्मीर पुलिस और आर्मी ने मुझे पकड़ लिया.