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'भारत ने साफ मना कर दिया था', ट्रंप के सीजफायर वाले दावे की हवा खुद पाकिस्तान ने निकाल दी

Pakistan के विदेश मंत्री Ishaq Dar ने Al Jazeera को दिए गए इंटरव्यू में साफ कहा कि भारत ने Operation Sindoor को भारत-पाकिस्तान के बीच का मामला करार दिया था. जबकि पाकिस्तान को अमेरिकी मध्यस्थता से कोई दिक्कत नहीं थी. गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump दर्जनों बार भारत-पाक के बीच जंग रुकवाने का क्रेडिट खुद अपने आप को दे चुके हैं.

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पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार (फोटो: आजतक)

पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार (Ishaq Dar) ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने माना कि भारत ने अमेरिका से साफ शब्दों में कह दिया था कि नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच किसी भी बातचीत में तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं होगी. यानी भारत-पाकिस्तान वार्ता हमेशा द्विपक्षीय स्तर (Bilateral Talks) पर ही होगी.

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ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिकी प्रस्ताव

इशाक डार ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के दौरान अमेरिका ने सीजफायर (Ceasefire Proposal) का सुझाव दिया था. 10 मई की सुबह करीब 8:17 बजे, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो (Marco Rubio) के जरिए यह प्रस्ताव पाकिस्तान को दिया गया. लेकिन भारत ने इसे ठुकराते हुए स्पष्ट कर दिया कि बातचीत केवल भारत-पाकिस्तान के बीच होगी, किसी तीसरे देश की दखलअंदाजी नहीं चलेगी.

‘भारत कभी तीसरे पक्ष को नहीं चाहता’

इंडियन एक्सप्रेस (Indian Express) की रिपोर्ट के मुताबिक, 15 सितंबर को अल जजीरा (Al Jazeera) को दिए इंटरव्यू में इशाक डार ने कहा,

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भारत ने साफ कहा कि यह द्विपक्षीय मुद्दा है. हमें भी इसमें कोई दिक्कत नहीं है. बातचीत के लिए दो पक्ष चाहिए, लेकिन अगर भारत नहीं चाहता तो हम मजबूरी में किसी तीसरे देश से भीख नहीं मांगेंगे.

डार ने आगे बताया कि 25 जुलाई को वाशिंगटन में उनकी मार्को रुबियो से मुलाकात हुई थी. उन्होंने पूछा कि बातचीत पर क्या प्रगति हुई? इस पर रुबियो ने कहा कि भारत का रुख साफ है- "No Third Party Mediation".

भारत की पुरानी नीति पर अडिग रुख

डार के बयान भारत की लंबे समय से चली आ रही नीति (India’s Consistent Policy) को दोहराते हैं. 1972 के शिमला समझौते (Shimla Agreement) और 1999 के लाहौर घोषणापत्र (Lahore Declaration) में भी यही तय हुआ था कि भारत-पाकिस्तान विवाद केवल द्विपक्षीय स्तर पर ही सुलझेंगे.

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तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी भी 1999 में बस से लाहौर गए थे और वहां प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से मुलाकात में यही बात दोहराई गई थी.

ये भी पढ़ें: भारत-पाकिस्तान में सीजफायर का क्रेडिट किसको? पड़ोसी मुल्क ने नया नाम बताया है

ट्रंप का दावा और भारत का खंडन

इशाक डार के इस बयान ने अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) के दावों को खारिज कर दिया है. ट्रंप कई बार कहते रहे कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर करवाया और दोनों देशों को बातचीत की टेबल पर लाया.

लेकिन भारत ने जून 2025 में साफ कर दिया था कि मोदी-ट्रंप फोन कॉल में किसी भी तरह की सीजफायर या मध्यस्थता पर चर्चा नहीं हुई थी. भारत का कहना है कि अमेरिकी हस्तक्षेप (US Mediation in Indo-Pak Issue) की कोई गुंजाइश नहीं है.

वीडियो: टैरिफ से लेकर सीजफायर; आखिरकार लाइन पर आ गए डॉनल्ड ट्रंप

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